उत्तर प्रदेश

22वें राष्ट्रीय पुस्तक मेले का समापन, 11 दिन में बिकीं सवा करोड़ रुपये की किताबें

अशोक मार्ग स्थित बलरामपुर गार्डन में 22वें राष्ट्रीय पुस्तक मेला रविवार को समापन हो गया। अंतिम दिन सर्वाधिक पाठकों की भीड़ उमड़ी। 11 दिनों में लगभग सवा करोड़ रुपये की पुस्तकों की बिक्री हुई। समापन समारोह में प्रकाशकों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। निदेशक आकर्ष चंदेल ने आभार व्यक्त किया।साहित्यकार संसद व नमन प्रकाशन की और से नवीन शुक्ल के संयोजन-संचालन में चले समारोह की अध्यक्षता ओपी मिश्र ने की। काव्य सरिता रामप्रकाश बेखुद, सरवत जमाल, संजय मिश्रा शौक, कृपाशंकर विश्वास, डॉ. फिदा हुसैन, डॉ. शोभा दीक्षित, अरविन्द झा, इं. सुनील कुमार वाजपेयी, हर्षिता मिश्र व धीरज मिश्र शांडिल्य ने बहाई।

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शाम को अपूर्वा संस्था का सम्मान व काव्य समारोह हुआ। हिन्दी दिवस के अवसर पर अपूर्वा सेवा समिति साहित्य समाज सेवा व पर्यावरण को समर्पित संस्था द्वारा काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम संस्था के अध्यक्ष संजय हमनवां और व्यवस्थापक दुर्गा प्रसाद की देखरेख में हुआ। काव्य गोष्ठी में विशिष्ट अतिथि के रूप में साहित्य भूषण कमलेश मौर्य मृदु और गीतकार कमल किशोर भावुक रहे। कमल भावुक को इस साल का अपूर्वा राजेश विद्रोही सम्मान से अलंकृत किया गया।

इन प्रकाशकों को किया गया सम्मानित

मेला मंच पर राजपाल एंड संस, राजकमल, लोकभारती, वाणी, सामयिक, भारतीय ज्ञानपीठ, सेतु प्रकाशन, प्रभात, राजकमल, सस्ता साहित्य मण्डल, गौतम बुक, रितेश बुक, हिंदी वांग्मय निधि, याशिका, प्रकाशन संस्थान, शुभि प्रकाशन, दिव्यांश, अदित्रि, विधि बुक आदि प्रकाशकों, वितरकों और ज्योति किरन, यूपी त्रिपाठी आदि सहयोगियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।

शंभू, गोपाल और अनूप के कृतित्व पर की चर्चा

मेला समिति ने स्मरणांजलि कार्यक्रम में हाल में दिवंगत साहित्यिक विभूतियों पूर्व मुख्य सचिव डॉ. शंभू नाथ, व्यंग्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी और अट्टहास संस्था के जरिये व्यंग्य को ऊंचाइयों पर ले जाने वाले व्यंग्यकार अनूप श्रीवास्तव के व्यक्तित्व कृतित्व पर चर्चा की गयी। पद्मश्री डॉ. विद्या विंदु सिंह की अध्यक्षता और डॉ. अमिता दुबे के संचालन में हुए कार्यक्रम में डॉ. सुधाकर अदीब, डीएन लाल, सूर्यकुमार पांडेय, आलोक शुक्ला और संजीव जायसवाल संजय आदि ने अपने संस्मरण सुनाये। इसी वर्ष मई में दिवंगत आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे डॉ. के विक्रम राव की लेखनी और साहित्यिक सफर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। के विश्वदेव राव, शिल्पी सेन व रजत मिश्रा के संयोजन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

स्नेहा रस्तोगी ने दी भरतनाट्यम और लोकनृत्य की प्रस्तुति

सांस्कृतिक मंच पर वाणी प्रकाशन ने चन्द्रशेखर वर्मा के गजल संग्रह घट रही है रोज मेरी चेहरगी पर चर्चा हुई। मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार उदय प्रताप सिंह ने उन्हें संवेदनशील रचनाकार बताया। आरजे प्रतीक के संचालन में चले कार्यक्रम में चन्द्रशेखर ने अपनी कुछ रचनाएं भी सुनायीं।

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युवा नृत्यांगना स्नेहा रस्तोगी ने भरतनाट्यम और लोकनृत्य की मोहक प्रस्तुति दी। रविवार की सुबह लक्ष्य साहित्यिक संस्था के श्याम मिश्र की अध्यक्षता में चले आयोजन में सोहेल बरेलवी की पुस्तक पर चर्चा हुई। यहां कुंवर कुसुमेश, सरोज पाण्डेय शशांक, मनोज बाजपेई, बबर बैसवारी, आलोक सावर, कौसर रिजवी, तारिका सिंह, डॉ. निशा सिंह नवल, डॉ. ममता पंकज, गोबर गणेश, प्रिया सिंह, दिनेश सोनी, शरद पांडे, अनीता सिंह, महिमा तिवारी, कामिनी श्रीवास्तव, राजेश सिंह, शशि नारायण आदि ने अपनी रचनाएं पढ़ीं।

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