उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में निरंतर सुदृढ़ हो रही बैंकिंग व्यवस्था

  • योगी सरकार की वित्तीय समावेशन नीति का दिख रहा बैंकों के जमा और ऋण दोनों पर असर
  • सरकारी योजनाओं को बैंकों से जोड़ने की रणनीति ने बढ़ाया आमजन का बैंकिंग व्यवस्था पर विश्वास
  • जून माह में सीडी रेशियो में कई जिलों ने किया सुधार, मजबूत हुआ बैंकों का नेटवर्क
  • निवेश और क्रेडिट का माहौल लगातार बेहतर, ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों तक पहुंच रहीं बैंकिंग सेवाएं
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आर्थिक रूप से मजबूत राज्य बनने की ओर अग्रसर उत्तर प्रदेश

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
 उत्तर प्रदेश की बैंकिंग व्यवस्था में लगातार सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वित्तीय समावेशन की नीति और सरकारी योजनाओं को बैंकों से जोड़ने की रणनीति ने आमजन का विश्वास बैंकिंग व्यवस्था पर और मजबूत किया है। इसके चलते शहरों के साथ-साथ कस्बों और गांवों तक बैंकों का नेटवर्क मजबूत हुआ है। साथ ही, बैंकों का सीडी रेशियो भी बेहतर हुआ है। जून 2025 के आंकड़ों में इसे स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, जो प्रदेश की आर्थिक मजबूती और बैंकिंग गतिविधियों में आई तेजी को साफ दशार्ते हैं।

जमा और ऋण वितरण में उल्लेखनीय वृद्धि
जून 2025 तक राज्य में बैंकों की जमा राशि 1.86 लाख करोड़ वृद्धि के साथ 19.39 लाख करोड़ तक पहुंच गई है। जून 2024 की तुलना में यह 10.60% की वार्षिक वृद्धि रही। वहीं, ऋण वितरण के आंकड़े में 0.93 लाख करोड़ (8.79%) की वार्षिक वृद्धि दर्ज हुई है। जून 2025 में यह कुल 11.45 लाख करोड़ रुपए रहा। यह इस बात का प्रमाण है कि राज्य में निवेश और क्रेडिट का माहौल लगातार बेहतर हो रहा है।

सीडी रेशियो में सुधार का संकेत
प्रदेश का सीडी रेशियो मार्च 2025 में 59.04% था, जो जून 2025 में मामूली बढ़त के साथ 59.05% पर स्थिर रहा। यह स्थिरता संतुलित बैंकिंग व्यवस्था का संकेत देती है। वहीं, जिलावार आंकड़े दशार्ते हैं कि कई जिलों में सीडी रेशियो में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 80% से अधिक सीडी रेशियो वाले जिलों की संख्या बढ़ रही है, जबकि 40% से कम सीडी रेशियो वाले जिलों की संख्या घटकर केवल 6 रह गई है।

ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों में बढ़ा विस्तार
2014 की तुलना में अब अधिक जिलों में बैंकिंग गतिविधियां विस्तृत हुई हैं। 60% से 80% के बीच सीडी रेशियो वाले जिलों की संख्या 21 तक पहुंच गई है। यह बदलाव इस बात का संकेत है कि ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों में भी बैंकिंग सेवाओं का जाल फैला है और स्थानीय क्रेडिट जरूरतों की पूर्ति हो रही है।

सरकार और बैंकों के समन्वय का नतीजा
विशेषज्ञों के अनुसार, यह बदलाव केवल सरकारी प्रयासों और बैंकिंग संस्थानों के मजबूत समन्वय से संभव हो पाया है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, स्टार्टअप इंडिया से वित्तीय सहयोग, ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) अभियान और डिजिटलीकरण की पहल ने बैंकिंग प्रणाली को मजबूती दी है। परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश न केवल कृषि प्रधान राज्य, बल्कि आर्थिक और वित्तीय रूप से भी सशक्त राज्य के रूप में उभर रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button