उत्तर प्रदेश

ग्रामीण चिकित्सा सेवाओं को AI सेवाओं का इस्तेमाल, IIT कानपूर की मदद से पॉयलेट प्रोजेक्ट की होगी शुरुआत

लखनऊ: राजधानी के ग्रामीण क्षेत्रों की चिकित्सा सेवाओं को आईआईटी कानपूर की टीम की मदद से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से जोड़ा जाएगा। पॉयलेट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे लखनऊ में शुरू किया जाएगा। इसमें अब कई नए विकल्प भी रखे जा रहे हैं।

जिसमें मरीज अपने खास डॉक्टर से डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम सीधे संवाद कर सकेगा। इतना ही नहीं हर मरीज की डेटा हिस्ट्री भी ऑन लाइन रहेगी। अफसरों का कहना है पॉयलेट प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ के दो डॉक्टर व सीएचओ को लिया गया है। इस व्यवस्था से दूरदराज के मरीजों को राहत मिलेगी। बड़े चिकित्सा संस्थानों और अस्पतालों में मरीजों का दबाव भी कम होगा।

शहर के 156 केंद्रों पर ई संजीवनी पोर्टल के जरिये टेली मेडिसिन कराई जाती है। ग्रामीण क्षेत्र के केंद्रों पर तैनात कम्युनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचओ) इसमें मरीजों की मदद करते हैं। सीएचओ जरिये कॉल करके मरीज की बीमारी बताकर डॉक्टर से ऑनलाइन परामर्श लिया जाता है।

अभी तक मरीजों को दिए जाने वाले परामर्श का रिकार्ड दर्ज नहीं रहता था। ऐसे में हर बार डॉक्टर को बीमारी के बारे में बताया जाता था। नई व्यवस्था के तहत अब मरीजों का पूरा रिकार्ड ऑनलाइन रहेगा। डॉक्टर जरिये मरीज की आईडी पर क्लिक करते ही पूरा रिकार्ड सामने होगा।

इस व्यवस्था को लागू करने के लिए कानपुर आईआईटी की टीम मदद कर रही हैं। पहले चरण में दो डॉक्टर व दो सीएचओ को शामिल किया गया है। जिनका प्रशिक्षण कराया जा रहा है। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह ने बताया पहले ई संजीवनी पोर्टल जरिये टेली मेडिसिन कराई जाती थी। अब उसका नाम बदलकर धनवंतरि किया गया है। बताया अभी कानपुर की टीम इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में जुटी है।

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