
कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर में अनुकरणीय भूमिका के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की सराहना की और राष्ट्र निर्माण में उनके महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला। एक रक्षा बयान में यह जानकारी दी गयी। मोदी ने यहां विजय दुर्ग (पूर्व में फोर्ट विलियम) स्थित भारतीय सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय में तीन दिवसीय संयुक्त कमांडर सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद ‘‘भारतीय सशस्त्र बल विजन 2047’’ दस्तावेज भी जारी किया।
बयान में कहा गया है कि यह दस्तावेज भविष्य के लिए तैयार भारतीय सशस्त्र बलों का मार्ग प्रशस्त करता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में शामिल हुए, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद इस तरह का पहला सम्मेलन है। एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि नियंत्रण रेखा के पार और पाकिस्तान के भीतर आतंकी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने सटीकता, व्यावसायिकता और उद्देश्य को मूर्त रूप देते हुए तीनों सेनाओं की संतुलित प्रतिक्रिया प्रदर्शित की।
सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों प्रमुखों ने भी भाग लिया। रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ‘‘रणनीतिक मुद्दों की एक विस्तृत शृंखला पर विचार-विमर्श किया जा रहा है, जिसमें सेना का आधुनिकीकरण, संयुक्तता, एकीकरण और बहु-क्षेत्रीय युद्ध के लिए परिचालन तत्परता को बढ़ाना शामिल है।’’ यह द्विवार्षिक सम्मेलन सशस्त्र बलों का शीर्ष विचार-मंथन मंच है, जो देश के शीर्ष नागरिक और सैन्य नेतृत्व को वैचारिक और रणनीतिक स्तर पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए एक साथ लाता है।
साथ ही इसमें विभिन्न रैंक के अधिकारियों के साथ संवाद सत्र भी होते हैं। इस वर्ष 16वां सम्मेलन आयोजित किया जा रहाहै जिसमें सुधारों, परिवर्तन, बदलाव और अभियानगत तैयारियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसका विषय है ‘सुधारों का वर्ष – भविष्य के लिए परिवर्तन’। रक्षा अधिकारी ने कहा, ‘‘सम्मेलन का ध्यान संस्थागत सुधारों, गहन एकीकरण और तकनीकी आधुनिकीकरण के प्रति सशस्त्र बलों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही बहु-क्षेत्रीय अभियानगत तैयारियों के उच्च स्तर को बनाए रखना भी इसमें शामिल है।’’
आखिरी संयुक्त कमांडर सम्मेलन 2023 में भोपाल में हुआ था। पिछले पांच महीनों में मोदी का यह चौथा और एक महीने के भीतर दूसरा बंगाल दौरा है। प्रधानमंत्री असम से रविवार शाम कोलकाता पहुंचे। वह राजभवन से सुबह करीब साढ़े नौ बजे विजय दुर्ग पहुंचे। उन्होंने राजभवन में रात्रि विश्राम किया था। मोदी ने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में लगभग चार घंटे बिताए। वह दोपहर करीब डेढ़ बजे कार्यक्रम स्थल से निकले और कलकत्ता रेसकोर्स से हेलीकॉप्टर द्वारा एनएससी बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे, जहां से उन्होंने बिहार के पूर्णिया के लिए उड़ान भरी।