
नवा रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को नवा रायपुर में नवनिर्मित ब्रह्मकुमारी संस्थान का भव्य शांति शिखर रिट्रीट सेंटर ‘एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड’ को समाज के नाम समर्पित किया। ब्रह्मकुमारी संस्थान के अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही यहां से प्रदेश स्तरीय सामाजिक कल्याण और आध्यात्मिक उत्थान से जुड़े कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे।
उन्होंने बताया कि इस केंद्र से नशामुक्ति अभियान, प्राकृतिक खेती-यौगिक खेती, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, मूल्य व योग शिक्षा आदि कार्यक्रम चलाए जाएंगे। ब्रह्मकुमारीज के रायपुर क्षेत्र की संचालिका राजयोगिनी बीके सविता दीदी ने बताया कि लगभग दो एकड़ जमीन पर बना भवन देखने में राजस्थानी शैली के महल का अहसास देता है। यह पांच मंजिला भवन ‘हाईटेक’ सुविधाओं से लैस है।
ब्रह्मकुमारीज के देश-विदेश में स्थित ‘रिट्रीट सेंटर’ में यह अपनेआप में सबसे अनोखा और आकर्षक है। शांति शिखर में विशेष रूप से समाज के सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम चलाए जाएंगे। सविता दीदी ने बताया कि ब्रह्मकुमारीज संस्थान के रायपुर यूनिट के तहत 50 सेवाकेंद्र और 500 उप सेवाकेंद्र संचालित हैं। शांति शिखर के निर्माण के लिए सभी केंद्रों में दान-कोष (भंडारी) लगाया गया था। इसमें संस्थान से जुड़े सभी सदस्य वर्ष 2018 से हर दिन कम से कम एक रुपया का सहयोग करते रहे हैं। इस भवन के निर्माण में हर एक कार्य को बड़ी ही बारीकी और महीनता के साथ पूरा किया गया है। यहां अंदर प्रवेश करते ही दिव्य एवं शांति की अनुभूति और पवित्रता को साफ महसूस किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि संस्था की तत्कालीन क्षेत्रीय निदेशिका राजयोगिनी बीके कमला दीदी के मार्गदर्शन में 15 जनवरी 2018 को शांति शिखर की नींव रखी गई थी। वर्ष 2022 में उनके निधन से पहले लगभग 80 प्रतिशत काम हो गया था। जमीन ठोस नहीं होने की वजह से काफी गहराई तक मिट्टी निकाल कर स्लैब ढाला गया। इसी पर भवन का निर्माण किया गया है। जोधपुर के कारीगरों ने सात साल में राजस्थानी शैली के इस भवन को तैयार किया है। इसके लिए 150 से अधिक ट्रकों में जोधपुर से ‘पिंक स्टोन’ मंगाए गए। सविता दीदी ने बताया कि ब्रह्मकुमारी संस्था द्वारा विश्वभर में ‘पिंक स्टोन’ से बनाई गई यह पहली इमारत है। छत्तीसगढ़ में ‘प्रेस टेंसाइल बीम’ तकनीक से बनी यह पहली इमारत है। आमतौर पर इस तकनीक से बड़े-बड़े पुल बनाए जाते हैं। 105 फुट ऊंची, 150 फुट चौड़ी और 225 फुट लंबी इस इमारत में अभी दो मंजिल और बनाई जा सकती हैं।
उन्होंने बताया कि इस केंद्र में राजयोग ध्यान एवं आध्यात्मिक ज्ञान की नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी। यहां तनाव से निपटने के लिए प्रबंधन कौशल शिविर का आयोजन होगा तथा बच्चों, युवाओं और महिलाओं के लिए सशक्तिकरण कार्यक्रम चलाए जाएंगे। साथ ही यहां समाज के सभी वर्गों और ग्रामीणों के लिए आध्यात्मिक कार्यक्रम, मूल्यनिष्ठ शिक्षा परियोजना के तहत आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम, पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण, मृदा संरक्षण, जल संरक्षण और प्राकृतिक खेती, जैविक-यौगिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम तथा हृदय रोग, मधुमेह और नशामुक्ति के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। कार्यक्रम के दौरान विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी मौजूद रहे। वहीं संस्थान की ओर से अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी जयंती दीदी और अतिरिक्त महासचिव डॉक्टर राजयोगी बीके मृत्युंजय भाई भी मौजूद थे।




