
औरंगाबाद: RJD नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर एक बार फिर हमला बोला है। उन्होंने औरंगाबाद में जनता को संबोधित करते हुए कहा, “जब बिहार में ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग फेल हो गए, तो उन्होंने अब बिहार में चुनाव आयोग को SIR के जरिए आपके वोट चुराने के लिए भेजा है। भाजपा की डबल इंजन सरकार आपके वोट चुराना चाहती है। एक बड़ा घोटाला चल रहा है और वे आपके वोट काट रहे हैं।”
औरंगाबाद में राहुल गांधी ने भी चुनाव आयोग पर साधा निशाना
औरंगाबाद में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, “चुनाव आयोग मुझसे हलफनामा मांगता है। लेकिन जब अनुराग ठाकुर वही बात कहते हैं जो मैं कह रहा हूं, तो उनसे हलफनामा नहीं मांगा जाता। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव हुए और इंडिया गठबंधन जीत गया। चार महीने बाद, विधानसभा चुनाव हुए और उसी महाराष्ट्र में भाजपा गठबंधन ने भारी जीत हासिल की और हमारा गठबंधन दिखाई नहीं दिया। गायब हो गया। जब हमने जांच की, तो पता चला कि चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के बाद चार महीनों में जादुई तरीके से एक करोड़ नए मतदाता बना दिए। जहां भी नए मतदाता आए, वहां भाजपा जीत गई। हमारे वोट कम नहीं हुए।”
राहुल गांधी ने कहा, “इंडिया गठबंधन को विधानसभा में उतने ही वोट मिले जितने लोकसभा में मिले थे। बीजेपी को सभी नए मतदाता मिले। इसलिए हमें शक हुआ। हमने चुनाव आयोग से कहा कि हमें यह समझाएं। ये एक करोड़ मतदाता कहां से आए? वे कौन हैं? चुनाव आयोग ने हमें कहा कि हम स्पष्टीकरण नहीं देंगे। हमें आपके स्पष्टीकरण की आवश्यकता नहीं है। फिर हमने उन्हें बताया कि आपने सीसीटीवी लगाए हैं। कानून यह है कि सीसीटीवी मांगने वाले किसी भी दल को सीसीटीवी कैमरे देने होंगे। उन्होंने कहा कि वे सीसीटीवी नहीं देंगे। फिर हमने कहा कि हमें मतदाता सूची दीजिए। वे कहते हैं कि वे इलेक्ट्रॉनिक मतदाता सूची नहीं देंगे। चुनाव आयोग और बीजेपी ने मिलकर बेंगलुरु सेंट्रल में चोरी की है। मैं आपको यह गारंटी के साथ बता रहा हूं। चुनाव आयोग मुझसे हलफनामा मांगता है। लेकिन जब अनुराग ठाकुर वही बात कहते हैं जो मैं कह रहा हूं, तो वह उनसे हलफनामा नहीं मांगता है।”
रविवार को चुनाव आयोग ने की थी प्रेस कॉन्फ्रेंस
चुनाव आयोग ने रविवार को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करके राहुल गांधी के आरोपों पर जवाब दिया था। चुनाव आयोग ने कहा था कि राहुल गांधी को अपने आरोपों पर सात दिन के अंदर हलफनामा देना होगा या देश से माफी मांगनी होगी। ऐसा नहीं करने पर उनके आरोपों को निराधार माना जाएगा।