हिन्दी को समय के अनुसार अपडेट करने की आवश्यकता

- ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में हिन्दी दिवस समारोह संगोष्ठी आयोजित
- उत्तर भारत की भाषाओं और दक्षिण भारत की भाषाओं तथा विद्वानों के मध्य समन्वय स्थापित करने की जरूरतः प्रो0 सूर्य प्रसाद दीक्षित
लखनऊ : ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में हिन्दी दिवस समारोह संगोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 अजय तनेजा ने की। मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ हिन्दी आलोचक वर्तमान राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा के सदस्य प्रो0 सूर्य प्रसाद दीक्षित के ज्ञानवर्धक उद्बोधन से सभी शिक्षक एवं विद्यार्थी लाभान्वित हुए। लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष व भारतीय हिन्दी परिषद् के सभापति प्रो0 पवन अग्रवाल ने अपने ज्ञानवर्धक उद्बोधन से सभी को अभिसिंचित किया।
मुख्य अतिथि के रूप में पधारे वरिष्ठ पत्रकार सुरेश बहादुर सिंह एवं उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता कमलाकर त्रिपाठी ने हिन्दी की परिस्थितियों पर गंभीर विमर्श प्रस्तुत किया। प्रो0 सूर्य प्रसाद दीक्षित ने हिन्दी भाषा की विभिन्न संभावनाओं, परिस्थितियों एवं चुनौतियों पर गंभीर विमर्श करते हुए उत्तर भारत की भाषाओं और दक्षिण भारत की भाषाओं तथा विद्वानों के मध्य समन्वय स्थापित करने की सिफारिश की। इसी प्रकार प्रो0 पवन अग्रवाल ने वर्चुअल दुनिया से अखबार की दुनिया तक हिन्दी की लोकप्रियता पर प्रकाश डालते हुए हिन्दी को समय की माँग के अनुसार अपडेट करने की बात रखी।
कुलपति प्रो0 अजय तनेजा ने हिन्दी की व्यवहारिक जीवन में उपयोगिता एवं भारत की जोड़ने वाली भाषा के रूप में स्वीकार किए जाने की बात कही। अधिष्ठाता कला संकाय प्रो0 सौबान सईद ने शेरो-शायरी के माध्यम से अतिथियों का सम्मान एवं स्वागत किया। संचालन डा. नीरज शुक्ला ने किया। हिन्दी विभाग की विषय प्रभारी डा. जहाँ आरा जै़दी ने अतिथियों का धन्यवाद किया।