
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए एक नई पहल शुरू होने जा रही है। मुख्यमंत्री ग्रामीण जनता बस सेवा के तहत ग्रामीण इलाकों को जिला मुख्यालयों और डिपो से जोड़ा जाएगा। पहले चरण में इस योजना की शुरूआत 22 जिलों में बस सेवा की जाएगी, जिससे गांवों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा और ग्रामीणों का आने-जाने में आसानी हो सकेगी।
पहले चरण में बड़े ब्लॉकों को जोड़ने पर जोर
इस योजना के तहत पहले चरण में हर जिले के प्रमुख ब्लॉक और तहसील को अन्य जिलों से जोड़ा जाएगा। शुरुआत में एक महीने तक इस सेवा का संचालन किया जाएगा, ताकि किसी भी तरह की कमियों को पहचान की जा सके और फिर उसे सुधारा जा सके। इसके बाद योजना को और विस्तार दिया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों को शहरों से जोड़ने की तैयारी
सभी कमियों को दूर करने के बाद पूरे प्रदेश में 1,540 मार्गों पर यह बस सेवा शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 6 सितंबर को कई बसों का शुभारंभ भी किया था। अब परिवहन विभाग ग्रामीण क्षेत्रों के लिए इस जनता बस सेवा को लागू करने पर काम कर रहा है। इस योजना के तहत गांवों को मुख्य शहरों और जिला मुख्यालयों से जोड़ा जाएगा। इन बसों का किराया अन्य बसों की तुलना में कम होगा, ताकि ग्रामीणों को किफायती परिवहन सुविधा मिल सके।
इन 22 जिलों में शुरू होगी सेवा
पहले चरण में जिन 22 जिलों में यह सेवा शुरू होगी, उनमें लखनऊ, कानपुर, आगरा, शाहजहांपुर, सीतापुर, हरदोई, बरेली, मथुरा, नोएडा, गाजियाबाद, एटा, फिरोजाबाद, वाराणसी, जौनपुर, बलिया सहित अन्य जिले शामिल हैं।
बस संचालन की विशेषताएं
परिवहन विभाग के अनुसार, इन बसों का संचालन सिंगल क्रू सिस्टम के तहत होगा। प्रत्येक बस प्रतिदिन चार चक्कर लगाएगी, और इनकी यात्रा दूरी 60 से 80 किलोमीटर के बीच होगी। योजना में यह भी सुनिश्चित किया गया है कि बसें गांवों में रुकेंगी। जरूरत के आधार पर किसी भी मार्ग पर तीन या अधिक बसों का संचालन किया जा सकेगा।
इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन की समस्या काफी हद तक कम होने की उम्मीद है, जिससे गांवों और शहरों के बीच बेहतर संपर्क स्थापित होगा।





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