Patanjali Ayurved Case : पतंजलि की मुसीबतें इन दोनों काम होने का नाम ही नहीं ले रही है। अभी हाल ही में खबर आ रही थी कि विवाद इस्पात विज्ञापन को लेकर कोर्ट ने कई बार फटकार लगाया था और इसके साथ ही उत्तराखंड की सरकार ने उनके कई सारे दवाइयां के लाइसेंस को रद्द कर दिया था। इसी के साथ खबर निकल कर आ रही है की मुख्य न्यायाधीश के मजिस्ट्रेट चित्तौड़गढ़ संजय सिंह की अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड कंपनी के असिस्टेंट जनरल मैनेजर और डिस्ट्रीब्यूटर कान्हा जी प्राइवेट लिमिटेड के असिस्टेंट मैनेजर और एक व्यापारी को छह माह की सजा सुनाई है। कोर्ट ने तीनों पर कुल ₹40000 का जुर्माना लगाया है। अर्थ दंड न देने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास भुगतान करना पड़ेगा।
दरसल खबरों के मुताबिक खाद सुरक्षा विभाग में 17 अक्टूबर को इलायची सोन पापड़ी के नमूने की जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया था। जहां जांच के दौरान नमूने को असुरक्षित श्रेणी में पाया गया। प्रदेश की प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं होने पर पतंजलि ने इस नमूने को रेफरल लैब गाजियाबाद को भेजा। यहां भी जांच के दौरान नमूना फेल पाया गया। जिसके बाद 28 जुलाई 2021 में मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट की अदालत में वार्ड दायर कराया गया।
कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए जांच में नमूने को असुरक्षित पाने की दशा में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर और डिस्ट्रीब्यूटर कान्हा जी प्राइवेट लिमिटेड के असिस्टेंट मैनेजर और एक व्यापारी पर 6 माह की सजा सुनाई। इसके साथ ही तीनों पर ₹40000 का अर्थ दंड भी लगाया गया।