
इटावा। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने कहा है कि केंद्र सरकार के इशारे पर चुनाव आयोग काम कर रहा है अब कोई टी.एन.शेषन नहीं है जो प्रधानमंत्री की बात को अनसुना कर देगा। अपने गृह जिले इटावा में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने जिला पंचायत सभागार में चुनाव आयोग की एसआईआर प्रकिया की समीक्षा करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि केंद्रीय चुनाव आयोग केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहा है और इसीलिए विपक्ष की बात को अनसुना करने में भी जुटा हुआ है।
दिवंगत चुनाव आयुक्त टी.एन. शेषन का जिक्र करते हुए प्रोफेसर यादव ने कहा कि आज के चुनाव आयुक्त केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं लेकिन कभी टी.एन सेशन जैसे भी चुनाव आयुक्त रहे हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री की बात को भी अनसुना कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को एस आई आर की जरूरत क्यों पड़ी इसके पीछे दिल्ली में सत्ता में बैठे लोगों की नियत साफ़ नहीं हैं। नया मुद्दा बनाया है कि घुसपैठियों देश में आ गए हैं जब कि बिहार के एसआईआर में कोई घुसपैठिया नहीं मिला है। योगी आदित्यनाथ का जिक्र करते हुए यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि हम डिटेंशन सेंटर बनाएंगे जबकि इनकी मंशा साफ नहीं है, बड़े पैमाने में घुसपैठिया बताकर और विदेशी बताकर देश वासियों को निकालना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि एसआईआर के माध्यम से जिनका वोट नहीं बन पाएगा उनसे यही कहा जाएगा कि यदि हिंदू हैं तो नेपाल से आ गए हैं, मुस्लिम हैं तो बंगलादेश और पाकिस्तान से आ गए हैं। यही इनकी मंशा है, इसीलिए हम लोग विरोध कर रहे थे। हम लोगों ने डेटा फीडिंग को लेकर शिकायत की है इलेक्शन कमीशन से कहा है सुधार किया जा रहा है, खराब बात यह है कि इतनी बड़े पैमाने पर एक्सरसाइज हो रही है और समय बहुत कम है इसीलिए बीएलओ आत्महत्या कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग कुछ भी नहीं है, दिल्ली की सरकार जो इशारा कर रही है वहीं चुनाव आयोग कर रहा है, सिस्टम बहुत कमजोर हो गया है, एसआईआर की वोटिंग लिस्ट बन रही है आगे सरकार यही कहेगी की नागरिकता का यही प्रमाण पत्र है यही गारंटी है, वोट नहीं है तो आप इस देश के नागरिक नहीं हैं, धर्म के आधार पर जाति के आधार पर करना देश के लिए शुभ नहीं है। पीएमओ कार्यालय का नाम सेवा तीर्थ कर दिया गया है, जो कुछ नहीं करते हैं वह लोग केवल नाम बदलते हैं। संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजूजी ने कहा था कि इलेक्टरल रिफॉर्म के नाम पर चर्चा कर सकते हैं इसके लिए भी हम लोग तैयार हैं, संसद में बहस में सरकार एग्री करेगी, किरन रिजूजी का कमिटमेंट हैं। प्रो. यादव ने कहा कि 1952 से हर चुनाव से पहले वोटर लिस्ट का रिवीजन होता आया है, लेकिन कभी एसआईआर नहीं हुआ। अचानक इसकी जरूरत क्यों पड़ी ? दिल्ली में बैठे सत्ता के लोगों की नीयत ठीक नहीं दिखती। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष एसआईआर को घुसपैठ का मुद्दा बताकर जनता को भ्रमित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि बिहार में एस आई आर कराने पर एक भी घुसपैठिया नहीं मिला, फिर भी इसे मुद्दा बनाकर रखा गया है। उन्होंने दावा किया कि एसआईआर के नाम पर भारत की बड़ी आबादी पर शक किया जा रहा है। जिनके नाम वोटर लिस्ट में नहीं जुड़ेंगे, उन्हें हिंदू होने पर नेपाल का और मुसलमान होने पर बंगलादेश पाकिस्तान का बताकर बाहर किया जा सकता है। बीएलओ की आत्महत्या की घटनाओं पर उन्होंने कहा कि बेहद कम समय में भारी काम का दबाव होने से ऐसी स्थितियां पैदा हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि बीजेपी को सत्ता का मोह है, इसलिए वह किसी भी तरीके से सत्ता में बने रहना चाहती है। चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आयोग दिल्ली सरकार के इशारे पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि अब तो प्रधानमंत्री की भी जायज मांगें नहीं सुनी जा रही हैं। एनआरसी का जिक्र करते हुए प्रो.यादव ने कहा कि असम में 19 लाख लोगों को सूची से बाहर किया गया, लेकिन आगे की कार्रवाई नहीं हुई क्योंकि उनमें 12 लाख हिंदू थे। उन्होंने कहा कि जब तक एसआईआर पर संसद में बहस नहीं होगी, तब तक किसी तरह का सुधार संभव नहीं है।




