
लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन (ईटीआईएम) के रख-रखाव और उपयोग से संबंधित नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब इरादतन या गैर-इरादतन किसी भी कारण से ईटीआईएम मशीन के पहली बार डैमेज अथवा खराब हो जाने पर संबंधित कार्मिक से किसी प्रकार की वसूली नहीं की जाएगी। मशीन के प्रतिस्थापन का संपूर्ण व्यय निगम स्वयं वहन करेगा।
परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक प्रभु एन. सिंह ने बुधवार को सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी कार्मिक द्वारा एक वर्ष की अवधि में मशीन को दोबारा फिजिकली डैमेज किया जाता है या क्षति पहुँचती है, तो ऐसी स्थिति में प्रतिस्थापन व्यय की प्रतिपूर्ति संबंधित दोषी कर्मचारी से की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी प्रयोगकर्ता कार्मिक द्वारा ईटीआईएम मशीन खो दी जाती है, तो यह उसकी लापरवाही मानी जाएगी।
इस स्थिति में पूर्व की भांति दोषी कार्मिक से पूरी क्षतिपूर्ति की वसूली की जाएगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान व्यवस्था के अनुसार डैमेज या खो जाने की किसी भी स्थिति में मशीन का खर्च कार्मिकों से ही वसूला जाता था। उन्होंने कहा कि ईटीआईएम को लेकर क्षेत्रीय अधिकारियों की प्रतिक्रिया और व्यवहारिक कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए परिवहन निगम मुख्यालय ने यह निर्णय लिया है कि पहली बार डैमेज/खराब होने पर कार्मिकों पर आर्थिक भार नहीं डाला जाएगा।
इससे न केवल फील्ड स्टाफ पर अनावश्यक दबाव कम होगा, बल्कि मशीनों के उपयोग में सुगमता और दक्षता भी बढ़ेगी। श्री प्रभु एन. सिंह ने कहा कि निगम निरंतर ऐसी व्यवस्थाओं को लागू करने के प्रयास में है, जिनसे कर्मचारियों को सहूलियत मिले और सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता में सुधार हो। नई व्यवस्था से बस परिचालकों और कंडक्टरों को राहत मिलने के साथ-साथ ईटीआईएम मशीनों के सुचारु उपयोग को भी प्रोत्साहन मिलेगा।




