
सीबीआई की दिल्ली टीम ने विकासनगर इलाके में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारा। यहां से अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाकर ठगी का नेटवर्क संचालित किया जा रहा था। सीबीआई ने मौके से गिरोह के सरगना विकास कुमार निमार को गिरफ्तार कर लिया।
टीम पिछले पांच दिन से कॉल सेंटर के आसपास निगरानी कर रही थी। सोमवार को छापा डालकर उसे पकड़ा गया। पूछताछ के बाद विकास को कोर्ट में पेश किया गया। सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक विकास कुमार अंतरराष्ट्रीय साइबर नेटवर्क सिंडिकेट का सक्रिय सदस्य है और लंबे समय से गिरोह से जुड़ा हुआ है। पिछले साल पुणे से फरार होने पर उसके खिलाफ वहां की अदालत से गिरफ्तारी वारंट भी लिया गया था।
पिछले साल सीबीआई के छापे में फरार हुआ था
सीबीआई ने सितंबर 2024 में विशाखापत्तनम, हैदराबाद और पुणे में चार अवैध कॉल सेंटर पकड़े थे। उस समय दो दर्जन से अधिक लोग गिरफ्तार हुए थे, लेकिन विकास कुमार भाग निकला था। पकड़े गए कई लोगों ने विकास के बड़े नेटवर्क का खुलासा किया था और बताया था कि वह कई राज्यों में फर्जी कॉल सेंटर चलवा रहा है। तभी से सीबीआई उसकी तलाश में थी। जांच में उसके विकासनगर में भी अवैध कॉल सेंटर चलाने का पता चला, जिसके बाद पुणे की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट से भी उसका गिरफ्तारी वारंट लिया गया।
पांच दिन से विकासनगर में थी सीबीआई टीम
सीबीआई की दिल्ली टीम 20 नवंबर को लखनऊ पहुंची थी। टीम ने विकासनगर में उसके घर की रेकी की और यहां काम करने वाले एक युवक से जानकारी जुटाई। इसके बाद छापा मारकर विकास को गिरफ्तार कर लिया गया। छापे के समय अन्य कर्मचारी वहां से निकल चुके थे और अब फरार बताए जा रहे हैं। सीबीआई को विकास के घर से 14 लाख रुपये नकद, मोबाइल, कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। यहां से बरामद 52 लैपटॉप से भी महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। सीबीआई के अनुसार इन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल साइबर अपराध नेटवर्क चलाने में किया जा रहा था।




