गोवर्धन योजना से जगमगाए गांव… Biogas प्लांट ग्रामीण आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम, नए मॉडल से जोड़ा

प्रदेश सरकार की गोवर्धन योजना ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की नई रोशनी फैला रही है। सभी जिलों में बायोगैस संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। हर जिले को 50 लाख रुपये तक की धनराशि स्वीकृत की गई है। अब तक 117 में से 115 संयंत्र पूरी तरह क्रियाशील हैं, जहां से स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है और ग्रामीणों की आय में इजाफा हुआ है।
पंचायती राज विभाग की इस महत्वाकांक्षी पहल ने गांवों को ऊर्जा, आय और पर्यावरणीय संतुलन के नए मॉडल से जोड़ा है। श्रावस्ती जिले टंडवा महंत पंचायत में सौर ऊर्जा प्लांट भी स्थापित किया गया है, जिससे 51,151 रुपये की अतिरिक्त आय अर्जित हुई है। वहीं, बायोगैस से चलने वाली चक्की से 2,100 की आय दर्ज की गई है। यह राशि पंचायत के विकास कार्यों में लगाई जा रही है, जिससे गांव को स्थायी आर्थिक आधार मिला है।
पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि टंडवा महंत ग्राम पंचायत का बायोगैस प्लांट आत्मनिर्भरता और नवाचार का जीवंत उदाहरण है। यह न केवल ऊर्जा बचा रहा है, बल्कि ग्रामीणों की निश्चित आय का स्रोत भी बना है। विभाग के निदेशक अमित कुमार सिंह ने बताया कि अत्याधुनिक बायोगैस इकाइयां ऊर्जा उत्पादन के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का बहुआयामी माध्यम हैं।
रोजगार, प्रशिक्षण और महिला सशक्तिकरण का संगम
गोवर्धन योजना न केवल ऊर्जा उत्पादन का माध्यम है, बल्कि ग्रामीण रोजगार सृजन का भी आधार बनी है। स्थानीय युवाओं को संयंत्रों के संचालन और रखरखाव का प्रशिक्षण दिया गया है, जबकि महिलाएं खाद निर्माण और स्वच्छता अभियानों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। इससे ग्राम स्तर पर सामाजिक सहभागिता और आर्थिक आत्मनिर्भरता दोनों को बल मिला है।