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प्रधानमंत्री मोदी ने आईटीआई टॉपर्स को किया सम्मानित, बिहार समेत युवाओं के लिए कई नई योजनाओं का शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को विज्ञान भवन में आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) के टॉपर्स को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले केंद्र सरकार ने आईटीआई छात्रों के लिए दीक्षांत समारोह आयोजित करने की परंपरा शुरू की थी। आज, हम इस गौरवशाली परंपरा का एक और अध्याय देख रहे हैं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं भारत के कोने-कोने से हमारे साथ जुड़ने वाले सभी युवा आईटीआई छात्रों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। यह समारोह इस बात का प्रतीक है कि भारत अब कौशल विकास को कितना महत्व देता है। आज देश भर के युवाओं के लिए दो और बड़ी शिक्षा एवं कौशल विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस दीक्षांत समारोह के पीछे का विचार यही था कि जब तक हम श्रम को प्रतिष्ठा नहीं देंगे, हुनर के लिए जो लोग काम करते हैं, जिनमें सामर्थ्य है, उनका सार्वजनिक जीवन में सम्मान नहीं होगा तो शायद वो अपने आप को कम महसूस करेगा। उन्होंने कहा कि भारत ज्ञान और कौशल का देश है। यही बौद्धिक शक्ति हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। आईटीआई न सिर्फ औद्योगिक शिक्षा के प्रमुख संस्थान हैं, बल्कि वे आत्मनिर्भर भारत की कार्यशालाएं भी हैं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बिहार के युवाओं की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के युवा देशों में से एक है। बिहार उन राज्यों में से एक है, जहां आबादी के अनुपात में सबसे अधिक युवा हैं। इसलिए बिहार के युवाओं का सामर्थ बढ़ता है तो स्वभाविक रूप से देश की ताकत भी बढ़ती है।

उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं का सामर्थ्य और बढ़ाने के लिए एनडीए सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। आज बिहार के युवाओं के सशक्तिकरण को समर्पित एक विशाल आयोजन हो रहा है। यह दर्शाता है कि एनडीए सरकार बिहार के युवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।

इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में 62,000 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की युवा-केंद्रित योजनाओं का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने 60 हजार करोड़ रुपए के निवेश से देशभर में एक हजार सरकारी आईटीआई के उन्नयन के लिए ‘पीएम-सेतु’ का शुभारंभ किया।

पीएम मोदी ने खासकर बिहार को योजनाओं का तोहफा दिया। उन्होंने संशोधित ‘मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता’ योजना का शुभारंभ किया, जिसके तहत दो साल के लिए 5 लाख स्नातकों को एक हजार रुपए का मासिक भत्ता मिलेगा। बिहार में जन नायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय का भी उद्घाटन किया गया। बिहार के चार विश्वविद्यालयों में नई शैक्षणिक और अनुसंधान सुविधाओं की आधारशिला रखी गई। इसके अलावा बिहटा में एनआईटी पटना के नए परिसर का उद्घाटन किया गया।

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