उत्तर प्रदेश

ग्राम पंचायतें केवल प्रशासनिक इकाइयां नहीं, ग्रामीण विकास की आत्मा हैं: CM योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ग्राम पंचायतों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से नवाचार को प्रोत्साहित करने पर बल दिया। पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतें केवल प्रशासनिक इकाइयां नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास की आत्मा हैं। उन्होंने कहा कि इन इकाइयों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पारदर्शिता, तकनीक और स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। एक बयान के मुताबिक, बैठक में प्रस्तुत किये गए विवरण के अनुसार पंचायतों की स्वनिधि बढ़ाने के लिए विभिन्न सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। स्थानीय कर एवं ‘यूजर चार्ज’ (उपयोगकर्ता शुल्क) संग्रह की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है। पंचायतों की आय वृद्धि के लिए विभिन्न नवाचार पर कार्य जारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पारदर्शिता और तकनीक के उपयोग के माध्यम से ग्राम पंचायतों की राजस्व प्राप्ति और जनसेवा की गुणवत्ता, दोनों में सुधार सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि विकास प्राधिकरणों के अतिरिक्त जिला पंचायतों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में भवन मानचित्र स्वीकृति के लिए दक्ष मानव संसाधन की उपलब्धता होनी चाहिए। इसके लिए प्रत्येक जिला पंचायत में सिविल इंजीनियर या आर्किटेक्ट की तैनाती की व्यवस्था की जाए, ताकि स्थानीय निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके। मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायतों की आय बढ़ाने के लिए ग्राम सचिवालयों में आधार केंद्र खोलने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे मिलने वाले शुल्क से ग्राम पंचायत की आय में वृद्धि होगी।

बैठक में यह भी बताया गया कि पंचायती राज विभाग द्वारा तालाबों/पोखरों को सूचीबद्ध किये जाने और उपयोग नीति पर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि ग्राम पंचायत और जिला पंचायत के अधीन तालाबों/पोखरों का पट्टा समयबद्ध तरीके से आवंटित किया जाए तथा इनसे प्राप्त राशि का उपयोग हर घर नल और जल संरक्षण आदि में किया जाए। उन्होंने इसके लिए एक स्पष्ट नियमावली तैयार करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतों के पास जितनी अधिक स्व-वित्तीय क्षमता होगी, उतनी ही तेजी से ग्रामीण विकास के कार्य आगे बढ़ेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पंचायत प्रतिनिधियों को वित्तीय प्रबंधन और डिजिटल सेवा वितरण का प्रशिक्षण दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ग्राम पंचायतों की समृद्धि ही आत्मनिर्भर भारत की नींव है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर ग्राम पंचायत सेवा, स्वच्छता और स्वावलंबन की प्रतीक बने।’’

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