महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश को केंद्र ने दिए 1.36 करोड़, जैव विविधता संरक्षण के लिए जारी हुई राशि

नई दिल्ली। राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) ने महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में जमीनी स्तर पर जैव विविधता संरक्षण के प्रयासों को समर्थन देने के लिए 1.36 करोड़ रुपये जारी किए हैं। पर्यावरण मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
मंत्रालय के अनुसार, यह राशि दोनों राज्यों के जैव विविधता बोर्ड के माध्यम से तीन जैव विविधता प्रबंधन समितियों को दी जाएगी जो क्रमश: महाराष्ट्र के सातारा जिले के साखरवाडी गांव, पुणे जिले के कुंजिरवाडी गांव और उत्तर प्रदेश के एटा जिले के कासगंज क्षेत्र में हैं। प्रत्येक समिति को 45.50 लाख रुपये प्राप्त होंगे। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह राशि जारी किया जाना सरकार की समान लाभ-साझेदारी, संरक्षण और जैव विविधता के सतत उपयोग के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बयान में बताया गया कि यह भुगतान ‘एक्सेस एंड बेनिफिट शेयरिंग’ (एबीएस) का प्रतिनिधित्व करता है। एक वाणिज्यिक इकाई ने मिट्टी और औद्योगिक अपशिष्ट के नमूनों से सूक्ष्मजीवों का उपयोग करके ‘फ्रुक्टो-ओलिगोसैकेराइड्स’ उत्पाद तैयार किए, जिसके बाद यह राशि तय की गई। इन निधियों का उपयोग जैविक विविधता अधिनियम, 2002 की धारा 44 और संबंधित राज्य जैव विविधता नियमों में सूचीबद्ध गतिविधियों के लिए किया जाएगा।
मंत्रालय ने कहा कि यह पहल स्थानीय समुदायों को, भारत की जैविक धरोहर के संरक्षक के रूप में मान्यता देने और उन्हें प्रोत्साहित करने की दिशा में राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण के प्रयासों को रेखांकित करती है। इसके साथ ही यह कदम भारत के राष्ट्रीय जैव विविधता लक्ष्य–13 की पूर्ति में भी योगदान देगा, जो राष्ट्रीय जैव विविधता रणनीति एवं कार्य योजना (2024–2030) के तहत निर्धारित किया गया है। यह योजना 2022 में कनाडा के मॉन्ट्रियल में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन (सीओपी-15) में स्वीकृत कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता रूपरेखा के अनुरूप है।






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