कुलाधिपति और कुलपति मेडल से विभूषित हुए विद्यार्थी, पुनर्वास विश्वविद्यालय में 166 पदक किए गए वितरित

लखनऊ। डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के 12वें दीक्षांत समारोह में शैक्षिक सत्र 2024-25 में विभिन्न संकायों के अन्तर्गत कुल 2113 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई जिसमें 962 छात्राएं और 1151 छात्र हैं। इसके अलावा राज्यपाल व कुलाधिपति ने 143 मेधावी विद्यार्थियों को 166 पदकों से अलंकृत किया गया। 143 विद्यार्थियों में 76 पदक छात्राओं को और 67 पदक छात्रों को दिए गए।
पहली बार कुल 166 पदकों में 27 दिव्यांग विद्यार्थियों ने 41 पदक प्राप्त कर रिकार्ड कायम किया है। समारोह में 22 शोधार्थियों को पीएचडी उपाधि से भी विभूषित किया गया। समारोह में रजत सिंहल, शिखा वर्मा, अभिषेक तिवारी, लवली, अर्पित चौरसिया और परमात्मा कुमार को कुलाधिपति व कुलपति मेडल दिया गया। लवली को डॉ. शकुंतला मिश्रा स्वर्ण पदक से भी विभूषित किया गया। जबकि दिव्यांग श्रेणी में परमात्मा कुमार को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।
स्वर्ण पदक पाने वालों में कुलदीप चौरसिया जिन्हें मुख्यमंत्री स्वर्णपदक दिया गया। समीर कुमार, साधना कुमारी को मुख्यमंत्री स्वर्ण मेडल, द़ष्टिबाधित श्रेणी में रानू तिवारी को स्वर्ण पदक, रिया मरियम को स्वर्ण, प्रशांत गौर, प्रिया यादव, अंकित गुप्ता, आराधना चौरसिया को स्वर्ण पदकों से नवाजा गया। जबकि दीपांकर पाण्डेय को मुलायम सिंह यादव स्वर्ण पदक दिया गया।
दीक्षांत समारोह की उपलब्धियां
- कुल 166 पदक
- 81 स्वर्ण पदक (छात्राएं 45.68 प्रतिशत एवं छात्र 54.32 प्रतिशत)
- छात्राओं को कुल 37 स्वर्ण पदक वितरित किए गए।
- छात्रों को कुल 44 स्वर्ण पदक वितरित किए गए।
- व्यक्ति के रूप में कुल 65 छात्र-छात्राओं में से 31 छात्राएं एवं 34 छात्रों को स्वर्ण पदक
- 43 रजत पदक (छात्राएं 53.49 प्रतिशत व छात्र 46.51 प्रतिशत)
- छात्राओं को कुल 23 रजत पदक वितरित किए गए।
- छात्रों को कुल 20 रजत पदक वितरित किए गए।
- व्यक्ति के रूप में कुल 40 छात्र/छात्राओं में से 22 छात्राएं एवं 18 छात्रों को रजत पदक
- 42 कांस्य पदक (छात्राएं 61.9 प्रतिशत व छात्र 38.10 प्रतिशत)
- छात्राओं को कुल 26 कांस्य पदक वितरित किए गए।
- छात्रों को कुल 16 कांस्य पदक वितरित किए गए।
- व्यक्ति के रूप में कुल 38 छात्र/छात्राओं में से 23 छात्राएं एवं 15 छात्रों को कांस्य पदक
- कुल 166 पदकों में से 27 दिव्यांग विद्यार्थियों ने 41 पदक प्राप्त किये, जिसमें 10 दिव्यांग छात्राएं व 17 दिव्यांग छात्र हैं।
दिव्यांगता के क्षेत्र में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बने : राज्यपाल
कुलाधिपति व राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि मुझे खुशी है कि दिव्यांगजनों के लिए विशेष मेडल की व्यवस्था की गई है। यह विश्वविद्यालय एक विशिष्ट विश्वविद्यालय है जहां के दिव्यांग विद्यार्थी अपने भौतिक अवरोधों को तोड़ते हुए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा एवं खेल के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
जिसके दृष्टिगत दृष्टिबाधित, श्रवण बाधित एवं अन्य प्रकार के दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए अलग से कुलाध्यक्ष स्वर्ण पदक, मुख्यमंत्री स्वर्ण पदक एवं कुलपति स्वर्ण पदक की व्यवस्था की गई है। मेरी कामना है कि यह संस्था एक विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय का रूप ले और राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांगता के क्षेत्र में ‘सेंटर फॉर एक्सीलेंस’ बने।
कुलपति ने प्रस्तुत किया विवरण
कुलपति प्रो. संजय सिंह ने कहा कि नवसृजित भेषज विज्ञान संकाय (फैकेल्टी ऑफ फ़ार्मास्यूटिकल सांइसेज) एवं अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय (फैकेल्टी आफॅ इंजीनियरिंग एण्ड टेकनोलॉजी) और 2 विभागों संस्कृत विभाग एवं योग विभाग सहित कुल 10 संकाय और 35 विभाग कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत सत्र 2025-26 से चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम लागू कर दिया गया है, जिससे हमारे प्रोग्राम एवं कोर्सेज में भी वृद्धि हुई है।
विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने पैरा खेलों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। स्पोर्ट्स पॉलिसी के क्रियान्वयन के फलस्वरूप इस वर्ष प्रादेशिक, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विद्यार्थियों ने कुल 60 पदक जीते हैं। अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष विद्यार्थियों ने लगभग दोगुने मेडल प्राप्त किए हैं।
सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं छात्र
मुख्य अतिथि एस गोविंद राजू ने छात्रों से सरकारी योजनाओं का सदुपयोग करने लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। यह भी कहा कि ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है लेकिन बुद्धिमत्ता को हासिल करना पड़ता है। विशिष्ट अतिथि राज्य मंत्री, स्वतंत्र प्रभार, पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि 11 लाख 32 हजार 254 दिव्यांगजनों की भरण-पोषण राशि 300 से बढ़ाकर 1000 रुपए प्रति माह की है। यूपी में 8 हजार 863 दिव्यांगजनों को दुकान बनाकर दी गई। 55 डे केअर सेन्टर और 28 समेकित विद्यालय खोले गए हैं।