LS Election 2024 : बसपा प्रमुख मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी के महत्वपूर्ण पदों से मुक्त करके यह साबित कर दिया है कि बसपा में गलतियां चाहे छोटी हो या बड़ी, अक्षम्य एंव अस्वीकार्य है। ज्ञात हो कि मंगलवार की रात को अपने ही भतीजे आकाश आनंद को सुश्री मायावती ने पार्टी के सभी पदों से हटकर अपने मतदाताओं को स्पष्ट संदेश दिया है कि पार्टी अपने कार्यकर्ताआ और अपने परिवार के बीच कोई भी अंतर नहीं करती हैं।
सुश्री मायावती ने हाल ही में आकाश आनंद को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी नियुक्त किया था। उनके उस फैसले की काफी आलोचना भी हुई थी और उन पर भाई-भतीजाबाद को बढ़ावा देने का आरोप लगने लगा था। विरोधियों के इस हमले से मायावती काफी परेशान हो गई थी। लेकिन परिवार के मोह में वह आकाश आनंद को हटा नहीं सकी थी। लेकिन जैसे ही आकाश आनंद ने अपरिपक्त बयान दिया,जिससे न केवल पार्टी की काफी किरकिरी हुई, बल्कि मायावती भी आलोचनाओं के घेरे में आ गई। आकाश आनंद को उनकी इसी अपरिपक्त के लिए न केवल दंडित किया बल्कि राजनैतिक उत्तराधिकारी बनाने से इनकार कर दिया, और साथ ही पार्टी के प्रमुख पदों से भी हटा दिया। हालांकि यह कहा जा रहा है कि मायावती ने यह फैसला भाजपा के दबाव में लिया है क्योंकि आकाश आनंद ने हाल ही में सभा को संबोधित करते हुए भाजपा की जम के आलोचना की थी।
आकाश की अपरिपक्वता तब स्पष्ट हो, गई जब 28 अप्रैल को सीतापुर में एक चुनावी रैली में उन्होंने राजनीतिक मर्यादा एवं शालीनता की सारी हदें पार कर दी। उन्होंने us रैली में भाजपा par निशाना साधते हुए कहा था “कि या भाजपा सरकार एक बुलडोजर और गद्दारों की सरकार है। जो पार्टी अपनी युवाओं को भूखा छोड़ देती है और अपने बुजुर्गों को गुलाम बना लेती है, वह आतंकवादी सरकार है। तालिबान अ़फ़गानिस्तान में ऐसी ही सरकार चलती है” उन्होंने इसी रैली में कथित तौर पर आपत्तिजनक भाषा का भी उपयोग किया था। जिससे उनके और अन्य चार लोगों के खिलाफ तुरंत आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन करने के जुर्म में मुकदमा दर्ज किया गया था।
उनके भाषणों का स्पष्ट प्रभाव बसपा के कडेर पर देखने को मिला था। भाजपा से जुड़े दलित आनंद के भाषण से नाराज थे और उन्होंने बसपा को-ऑर्डिनेटर के माध्यम से श्री मायावती को अपनी नाराजगी से अवगत कराया। आनंद के इस बयान से भाजपा को काफी नुकसान दिखाई देने लगा था। बसपा का दलित समाज बीजेपी के खिलाफ एकजुट हो रहा था जिससे भाजपा में नाराजगी थी। सूत्रों के अनुसार भाजपा alल्हा कमान ने मायावती से आकाश आनंद के खिलाफ अपनी नाराजगी दर्ज कराई थी और उन्हें उम्मीद है कि वह आकाश आनंद खिलाफ सख्त कार्यवाही करेंगे। यह भाजपा के दबाव का ही असर है कि मायावती ने न सिर्फ अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी पद से हटा दिया बल्कि उन्हें सभी पदो से मुक्त कर सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर रहने की भी सलाह दी।
मायावती ने आकाश आनंद को हटाकर एक तीर से दो निशाने साधे अपने खिलाफ भाई-भतीजाबाद के आरोपों को नकारा है वही उन्हें दलित समाज को भी शांत किया है जो भाजपा के खिलाफ आनंद की आलोचना की सराहना नहीं करते थे। भाई-भतीजाबाद को बढ़ावा देने वाले कांग्रेस, सपा और राजदा जैसी पार्टियों अब मायावती पर भाई भतीजा बात का आरोप नहीं लगा सकती हैं। हालांकि सभी राजनीतिक दल उनके इस कदम को भाजपा की बी टीम भी बताते है। राजनीतिक दलों का मानना है कि मायावती ने भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए कई लोकसभा क्षेत्र में अपने प्रत्याशी बदले हैं कि उससे भाजपा को फायदा मिल रहा है।