1993 मुंबई के सीरियल बम धमाके के मुख्य आरोपियों में से एक अब्दुल करीम टुंडा को कोर्ट ने आज 29 फरवरी को उस पर लगे सभी आरोपों से मुक्त करते हुए क्लीन चिट दे दी है. एक न्यूज़ एजेंसी से बातचीत करते हुए अब्दुल के वकील शफाकत सुल्तानी ने कहा कि, कोर्ट ने अब्दुल करीम को 93 ब्लास्ट के सभी आरोपों में निर्दोष पाया है और कोर्ट ने अब्दुल करीम टुंडा को हर धारा और एक्ट से बरी कर दिया है.
टाडा कोर्ट के फैसले में कहा गया कि, अब्दुल टुंडा के खिलाफ कोई गंभीर सबूत नहीं मिला है जिससे यह सिद्ध हो सके कि वह 1993 में मुंबई के बम धमाकों में शामिल था. आपको बताते चलें कि 6 दिसंबर 1993 को बाबरी विध्वंस की पहली बरसी पर मुंबई में सीरियल बेम धमाके किये गए थे. अब्दुल करीम टुंडा पर भी इस धमाके के मुख्य आरोपियों में शामिल होने का आरोप लगा था कि अब्दुल भी मुंबई में दहशत फ़ैलाने वालों में शामिल था. हालांकि मुंबई बेम धमाके का असल आरोपी दाऊद इब्राहिम को बताया जाता है जिसके मरने की अफवाह आये दिन अखबार की सुर्खियों में बनी रहती है लेकिन अभी कोई ठोस पुष्टि नहीं हो सकी है कि वह जिन्दा है कि मर गया है.
अब्दुल करीम टुंडा के वकील शफकत सुल्तानी ने कहा, “आज कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है कि अब्दुल करीम टुंडा पूरी तरह से निर्दोष हैं. माननीय न्यायालय ने अब्दुल करीम टुंडा को सभी धाराओं और सभी अधिनियमों से बरी कर दिया गया है. सीबीआई अभियोजन टाडा, आईपीसी, रेलवे अधिनियम, शस्त्र अधिनियम या विस्फोटक पदार्थ अधिनियम में अदालत के समक्ष कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सका. हम शुरू से कह रहे थे कि अब्दुल करीम टुंडा निर्दोष हैं. इरफान और हमीदुद्दीन को दोषी ठहराया गया है और जल्द ही सजा सुनाई जाएगी.”