देश में बीते कई दिनों से कुत्तों के हमलों की खबरें सुर्खियों में हैं. आए दिन किसी ना किसी मासूम की जान इन हमलों से जा रही है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया और लगभग 23 खतरनाक ब्रीड के कुत्तों के आयात पर बैन लगा दिया. प्रदेश समेत देशभर में कुत्तों के हमलों की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने खतरनाक करीब 23 नस्ल के कुत्तों पर बैन लगा दी है. समिति के मुताबिक इन कुत्तों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया है.
- पिटबुल टेरियर,
- टोसा इनु,
- अमेरिकन स्टेफोर्डशायर टेरियर,
- फिला ब्रासीलीरो,
- डोगो अर्जेंटीनो,
- अमेरिकन बुलडॉग,
- बोअरबोएल कांगल,
- मध्य एशियाई शेफर्ड डॉग
- कोकेशियन शेफर्ड डॉग
- दक्षिण रूसी शेफर्ड डॉग,
- टॉर्नजैक,
- सरप्लानिनैक,
- जापानी टोसा
- अकिता,
- मास्टिफ,
- टेरियर्स,
- रोडेशियन रिजबैक,
- वुल्फ डॉग,
- कैनारियो,
- अकबाश डॉग,
- मॉस्को गार्ड डॉग,
- केन कोर्सो
- बैंडोग नस्ल
पशुपालन मंत्रालय ने कहा है कि यह नियम मिश्रित और क्रॉस सभी नस्लों पर लागू होगा. मंत्रालय ने विदेशी नस्लों के कुत्तों की बिक्री, प्रजनन या रखने पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है. वैसे कई सालों से कुत्तों को हम इंसानों का सबसे अच्छा दोस्त माना जाता रहा है. लेकिन सोचने वाली बात ये है कि हमारे ये दोस्त अचानक से हमारे दुश्मन कैसे बन गए हैं.
कौन है दोषी?
क्या इन हमलों के दोषी केवल खतरनाक नस्ल के कुत्ते ही हैं, या फिर किसी और की भी चूक है. कुत्ते जानवर हैं, यानी वह हमारी तरह किसी बात पर गंभीरता से सोच विचार नहीं सकते. उनको जिस तरह का वातावरण मिलता है वह उसी में रहने लगते हैं. पहले के जमाने में इंसान कुत्तों का इस्तेमाल शिकार और घर की निगरानी के लिए किया करता था, लेकिन जैसे-जैसे समय बीता हमने कुत्तों को अपना सबसे करीबी दोस्त मान लिया, और जैसे हम रहते हैं, वैसे ही हमने उनको भी रखना शुरू कर दिया. समय बीता और अलग-अलग नस्ल के कुत्ते हमें दिखने लगे.