Mahesh Navami 2024 का दिन नजदीक है, इस बार भारत में महेश नवमी 15 जून 2024 को मनाई जाएगी। Mahesh Navami के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस पूजा के तत्पश्चात व्यक्ति को हर एक क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। भगवान शिव के इसी नाम से “माहेश्वरी समाज” का नाम पड़ा। माहेश्वरी समाज में Mahesh Navami का बड़ा महत्व है, क्योंकि भगवान शिव के सभी भक्त इस दिन महादेव को प्रसन्न करने और उनकी आराधना करते हैं। इस साल 2024 में 15 जून को महेश नवमी मनाई जाएगी। आईए जानते हैं इस Mahesh Navami के महत्वपूर्ण तिथियां, पूजन विधि और किस तरीके से आप भगवान शिव को प्रसन्न कर अपने सभी दुखो से मुक्ति पा सकते हैं।
Mahesh Navami 2024 की महत्वपूर्ण तिथि
Mahesh Navami का पर्व हर साल शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। साल 2024 में 15 जून को या तिथि निश्चित है। शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का आरंभ 14 जून 2024 तारीख की रात्रि में 12:05 में हो जाएगा और 15 तारीख की देर रात 2:34 तक यह तिथि व्याप्त होगी। मान्यता के अनुसार 15 जून 2024 को Mahesh Navami मनाई जाती है। इस दौरान पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 15 जून सुबह 7:08 से 8:53 तक होगा शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन पूजा करने से ये आपके लिए हितकारी साबित होगा तथा आपके जीवन में सुख समृद्धि और दुखों का नाश हो जायेगा।
Mahesh Navami 2024 की पूजन विधि
Mahesh Navami का पर्व हर साल मार्च के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। महेश स्वामी के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है। यह पूजा पूरे विधि विधान के द्वारा की जाती है। इस दिन सुबह स्नान कर ध्यान के बाद आपको स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद भगवान शिव को चंदन, पुष्प, गंगाजल इत्यादि अर्पित करते हुए पूजन को आरंभ करना चाहिए। पूजा के दौरान शिवलिंग के पास बैठकर शिव चालीसा का पाठ करने से जिंदगी में खुश और समृद्धि प्राप्त होती है। इसके साथ ही शिव मंत्रो का भी जाप कर आपको लाभ प्राप्त होता है। पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती की जाती है। पूजा समाप्ति के बाद प्रसाद का वितरण किया जाता है। इस दिन व्रत रखने वालों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह दिन के समय न सोए और तथा व्रत के दौरान फलाहार का सेवन करें। महेश नवमी के दिन दान-पूर्ण करना अति लाभदायक साबित होता है।
Mahesh Navami 2024 का क्या है महत्व
पुराणों के अनुसार महेश नवमी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती ने ऋषियों के श्राप से पत्थर बन चुके 72 क्षत्रियों को श्राप मुक्त किया था। इसके साथ क्षत्रियों को माता पार्वती ने आशीर्वाद दिया था, कि तुम्हारे कुल पर हमारी छाप सदैव रहेगी। तुम्हारा वंश “माहेश्वरी समाज” के नाम से जाना जाएगा। इसलिए माहेश्वरी समाज में Mahesh Navami के दिन भगवान शिव की पूजा आराधना करने का बड़ा महत्व माना जाता है। इस दिन भगवान शिव के महेश रूप की आराधना करने से दुख और पीड़ा से मुक्ति मिल जाती है।