लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर इंडिया अलायंस के घटक दलों में जहां एक तरफ एकता नजर आ रही है वहीं कुछ राज्यों में विश्वास भी देखने को मिल रहा है उत्तर प्रदेश और दिल्ली की लोकसभा सीटों पर जहां इंडिया के घटक दल आम आदमी पार्टी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच समन्वय देखने को मिल रहा है वहीं पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के बीच सीटों की शेयरिंग पर कोई एक मत होता दिखाई नहीं दे रहा है इस दुराव की इस स्थिति पर पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी पर निशाना साधा है उन्होंने कहा है कि टीएमसी दुविधा की स्थिति में है कि वह कांग्रेस के साथ गठबंधन करें कि नहीं
वही बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा वे टीएमसी दुविधा में है पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी की ओर से आधिकारिक तौर पर हां या ना का जवाब नहीं आया है दुविधा में होने की वजह से वह आधिकारिक तौर पर यहां नहीं बता पा रहे कि गठबंधन में बने रहने की प्रक्रिया क्या है क्या यह गठबंधन खत्म हो गया या नहीं अधीर रंजन चौधरी ने कहा पहली दुविधा पार्टी के एक वर्ग का मानना है कि अगर वह भारत गठबंधन के बिना अकेले चुनाव लड़ते हैं तो पश्चिम बंगाल के अल्पसंख्यक उनके खिलाफ वोट करेंगे टीएमसी का एक वर्ग चाहता है कि गठबंधन जारी रहे
अधीर रंजन चौधरी ने कहा उनकी दूसरी दुविधाईयां है कि एक वर्ग यह सोचता है कि अगर गठबंधन को बंगाल में ज्यादा महत्व दिया गया तो मोदी सरकार उनके खिलाफ ईडीसीबीआई का इस्तेमाल करेगी इन दोनों देवताओं के कारण टीएमसी कोई स्पष्ट निर्णय नहीं ले पा रही है हो सकता है कि दिल्ली में कुछ बातचीत हुई हो लेकिन मेरे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है।