मदरसों पर कार्रवाई के बाद नेपाल सीमा के स्कूलों का कायाकल्प, वाइब्रेंट विलेज योजना में सीमावर्ती इलाकों पर सीएम का खास ध्यान

नेपाल के सीमाई इलाकों में अवैध मदरसों पर सख्त कार्रवाई के बाद योगी सरकार ने शिक्षा की तस्वीर बदलने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम-2 के अंतर्गत ऑपरेशन कायाकल्प के जरिए सात जिलों बहराइच, बलरामपुर, खीरी, महाराजगंज, पीलीभीत, श्रावस्ती और सिद्धार्थनगर के 198 गांवों के 229 स्कूलों का कायाकल्प किया गया है। अब यहां बच्चों को सिर्फ टाट-पट्टी पर बैठकर पढ़ना नहीं पड़ता, बल्कि वे स्मार्ट क्लास और टैबलेट्स की मदद से आधुनिक तरीके से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
शिक्षा विभाग का मानना है कि स्मार्ट क्लास और टैबलेट्स से सीखने-समझने की क्षमता में तेजी आई है, जिससे ड्रॉपआउट दर कम होगी और नामांकन और बढ़ेगा। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि सीमावर्ती जिलों में अब शिक्षा का आधारभूत ढांचा पूरी तरह बदल चुका है। 152 स्कूल सभी 19 पैरामीटर्स पर सैचुरेटेड हो चुके हैं, जबकि बाकी स्कूल भी क्रमशः 16 से 18 पैरामीटर्स तक सुसज्जित हैं। इन स्कूलों में पीने का पानी, शौचालय, बिजली और फर्नीचर की व्यवस्था बेहतर हुई है। साथ ही 21 ब्लॉक्स के विद्यालयों में 2-2 टैबलेट्स वितरित किए गए हैं। बच्चे खुशी जाहिर करते हुए कहते हैं कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि गांव के स्कूल में टैबलेट मिलेगा। अब वे उसमें कहानियां पढ़ते हैं और खेल-खेल में गणित सीखते हैं।
नामांकन में आई तेजी
सीमावर्ती जिलों में विद्यालयों में नामांकन का परिदृश्य तेजी से बदला है। 2024-25 में नामांकन बढ़कर 38.45 लाख हो गया है। इनमें सबसे अधिक 8.9 लाख छात्र खीरी जिले में नामांकित हैं। बहराइच, बलरामपुर और सिद्धार्थनगर जैसे जिलों में भी उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है। यह दर्शाता है कि सरकारी प्रयासों और डिजिटल शिक्षा प्रोजेक्ट्स का असर जमीन पर दिखने लगा है।