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EV नीति : जारी रहेगी रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क माफी

ईवी वाहन खरीदने वालों को योगी सरकार से बड़ी राहत दी है। सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति–2022 में बड़ा संशोधन करते हुए रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क माफी जारी रखने का फैसला किया है। इससे ई-बसों व ई-गुड्स कैरियर्स को भी लाभ मिलेगा। सरकार औद्योगिक विभाग के प्रस्ताव पर एग्रीगेटर और लाइट ऑपरेटरों को अतिरिक्त प्रोत्साहन देने की अधिसूचना पर राज्यपाल ने मुहर लगा दी है।

योगी सरकार के इस संशोधन से प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग और निवेश दोनों में वृद्धि होगी। टैक्स माफी, पंजीकरण शुल्क छूट और सब्सिडी बढ़ोतरी जैसे कदम प्रदेश को देश में हरित गतिशीलता का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में निर्णायक साबित होंगे। सरकार ने यह निर्णय प्रदेश में हरित ऊर्जा आधारित परिवहन को बढ़ावा देने और निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लिया है। शासनादेश संख्या 73/2025 के तहत जारी अधिसूचना को राज्यपाल की स्वीकृति मिल चुकी है।

संशोधित नीति के अनुसार, राज्य में निर्मित और पंजीकृत सभी इलेक्ट्रिक वाहनों पर तीन वर्ष तक रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क में सौ प्रतिशत छूट दी जाएगी। यह लाभ नीति अधिसूचना की तिथि से तीन वर्ष तक लागू रहेगा। इसके अलावा, चौथे और पांचवें वर्ष में भी छूट का लाभ आंशिक रूप से जारी रहेगा। यह कदम प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

औद्योगिक विभाग के सचिव विजय किरन आनंद की ओर से जारी संशोधित नीति की अधिसूचा से राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण इकाइयों, चार्जिंग केंद्रों और सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क को मजबूती मिलेगी। इससे रोजगार सृजन के साथ-साथ प्रदूषण नियंत्रण और ऊर्जा संरक्षण में भी मदद मिलेगी। सरकार का उद्देश्य अगले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश को हरित परिवहन का अग्रणी राज्य बनाना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार इलेक्ट्रिक वाहन नीति प्रदेश के विकास, पर्यावरण संरक्षण और निवेश संवर्धन का समन्वित मॉडल है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस नीति के लाभ आम जनता, संचालकों और निवेशकों तक पारदर्शी ढंग से पहुँचें।

ऑपरेटरों के लिए दो से पांच गुना बढ़ी सीमा

सरकार ने इस संशोधन के माध्यम से एग्रीगेटर (समूह वाहन संचालक) और लाइट ऑपरेटरों को विशेष राहत दी है। अब वे दो, तीन और चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के अधिकतम 10 वाहन तथा ई-बस या ई-गुड्स वाहनों के 25 वाहन तक नीति के तहत मिलने वाली सब्सिडी का लाभ ले सकेंगे। पहले यह सीमा केवल पांच वाहनों तक सीमित थी। इस बदलाव से प्रदेश में इलेक्ट्रिक टैक्सी, माल ढुलाई, बस सेवा और लघु परिवहन क्षेत्र को बड़ी सहायता मिलेगी।

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