फतेहपुर मकबरा विवाद: HC में जनहित याचिका, ASI और सरकार से स्पष्टीकरण की मांग

प्रयागराज: फतेहपुर जिले में ऐतिहासिक मकबरे को लेकर उपजे विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि यह मकबरा मुगलकालीन धरोहर का हिस्सा है, लेकिन इसे संरक्षित स्मारक घोषित करने की दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
याचिकाकर्ता हजरत ख्वाजा गरीब नवाज वेलफेयर एसोसिएशन, महाराष्ट्र ने अदालत से मांग की है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) या राज्य सरकार मकबरे की ऐतिहासिक और धार्मिक हैसियत पर अपना आधिकारिक रुख स्पष्ट करे। साथ ही विवादित स्थल पर किसी भी तरह की अनधिकृत तोड़फोड़ या निर्माण गतिविधि पर तत्काल रोक लगाने का अनुरोध किया गया है।
याचिका में फतेहपुर बवाल की CBI जांच या न्यायिक आयोग से जांच कराने की मांग भी की गई है। साथ ही आरोप लगाया गया है कि इस पूरे मामले में एक सोची-समझी साजिश के तहत सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई।
कमेटी के सचिव मोहम्मद यूसुफ उमर अंसारी ने भाजपा और हिंदू संगठनों से जुड़े कुछ नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। याचिका में कहा गया है कि भाजपा जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल, हिंदू महासभा अध्यक्ष मनोज त्रिवेदी और अभिषेक शुक्ला के खिलाफ न तो प्राथमिकी दर्ज की गई और न ही गिरफ्तारी हुई। मामले की सुनवाई इसी सप्ताह इलाहाबाद हाईकोर्ट में होने की संभावना है।
मुख्य बिंदु
- याचिका में मकबरे को संरक्षित धरोहर घोषित करने की मांग
- फतेहपुर बवाल की CBI या न्यायिक आयोग से जांच की अपील
- सांप्रदायिक तनाव और अनधिकृत निर्माण रोकने का अनुरोध
- भाजपा और हिंदू संगठनों के नेताओं पर आरोप
- पुलिस अधिकारियों की लापरवाही पर भी कार्रवाई की मांग