‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’… दीयों की रोशनी में जगमगाएगी काशी, देव दीपावली की तैयारियां तेज

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने मंगलवार को कहा कि वाराणसी की देव दीपावली में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की झलक दिखाई देगी। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। बयान में कहा गया कि देव दीपावली के अवसर पर जब पूरी काशी गंगा तट पर दीयों की रोशनी में नहाएगी, तब शहर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की झलक प्रस्तुत करेगा।
इसमें कहा, ‘‘इस बार की देव दीपावली में वाराणसी के घाट केवल धार्मिक आस्था से ही नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विविधता से भी आलोकित होंगे। गंगा किनारे जगमगाते लाखों दीप देश की विविध परंपराओं का जीवंत चित्र बनेंगे।’’ बयान के अनुसार, हर घाट अपनी विशिष्ट पहचान के साथ अलग-अलग संस्कृति का रंग बिखेरेगा, कहीं मराठी परंपरा झलकेगी, कहीं दक्षिण भारत की रीतियां, कहीं मैथिल ब्राह्मणों द्वारा दीपों की साज-सज्जा होगी, तो कहीं गुजराती रंगोली व थालियों की सजावट आकर्षण का केंद्र बनेगी।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि काशी की यह देव दीपावली वैश्विक स्तर पर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को साकार करती दिखाई देगी, और देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए यह एक अनोखा अनुभव बनेगी। उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग ने तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ी है। पर्यटन मंत्री ने कहा, ‘‘काशी के पंच तीर्थों में शामिल पंचगंगा घाट पर इस बार भी मराठी संस्कृति की अनूठी छटा दिखाई देगी। यहां के मराठी मोहल्ले के परिवार पारंपरिक तरीके से दीये सजाने और गंगा आरती की तैयारियों में जुटे हैं। इसी घाट के पास स्थित नेपाली मोहल्ले में भी सजावट की तैयारियां की जा रही हैं।’’
गौरीकेदार घाट पर इस बार दक्षिण भारतीय संस्कृति का रंग देखने को मिलेगा। गौरी केदारेश्वर मंदिर परिसर में दीप सज्जा, भक्ति संगीत और पारंपरिक पूजा की तैयारियां जोरों पर हैं। यहां अधिकतर दक्षिण भारतीय परिवार रहते हैं, इसलिए इस घाट पर दक्षिण भारतीय परंपराओं की विशेष झलक देखने को मिलेगी। पुराने गुजराती मोहल्ले में भी दीप सज्जा शुरू हो चुकी है।
चौक, ठठेरी बाजार और मणिकर्णिका के आसपास स्थित मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जा रहा है। आधिकारिक बयान में कहा कि दशाश्वमेध घाट और राजेन्द्र प्रसाद घाट के आसपास मैथिल ब्राह्मणों की पूजा-पद्धति से दीप जलते हुए दिखाई देंगे। संयुक्त निदेशक (पर्यटन) दिनेश कुमार ने बताया कि देव दीपावली 2025 पर पर्यटन विभाग की ओर से 10 लाख दीप जलाए जाएंगे, जबकि शेष घाटों पर स्थानीय समितियां अपने स्तर पर दीये जलाएंगी।





