Digital Arrest Case : साइबर फ्रॉड शिकायत आए दिन बढ़ती रहती है। साइबर फ्रॉड करने वाले कोई ना कोई नया तरीका आए दिन खोज लेते हैं। ऐसा ही एक मामला डिजिटल अरेस्ट का निकाल कर आ रहा है। दरअसल हैदराबाद में Digital Arrest करके एक शख्स ने 1.2 करोड रुपए की ठगी की गई है। इस ठगी की शुरुआत एक फोन कॉल से होती है। जो लगातार 20 दिनों तक चलती रहती है। शख्स में बताया कि वह पुलिस अधिकारी है और आपके नाम से एक पार्सल आया है जिसमें ड्रग्स पाया गया है। इसके बाद शख्स से घबरा जाता है और डिजिटल फ्रॉड करने वाले उसे आरोपी की हर बात मानने लग जाता है।

रिपोर्ट के अनुसार फर्जी अधिकारी ने पीड़ित से आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक अकाउंट की डिटेल के साथ घर का एड्रेस भी ले लिया। उसके बाद वीडियो कॉल किया गया और पीड़ित को 24 * 7 वीडियो कॉल के सामने रहने के लिए कहा गया। पुलिस को बताया कि वह 20 दिनों तक लगातार वीडियो कॉल पर रहा है ना सही से खा पाया ना सो पाया।
इसके आगे पीड़ित ने बताया कि वह किसी असली पुलिस अधिकारी से बात कर रहा, ऐसा लग रहा था। वीडियो कॉल के हटने पर पीड़ित को कानूनी कार्यवाही करने की धमकी दी जा रही थी। गिरफ्तारी से बचने के लिए पीड़ित से 30 लाख रुपए की मांगी गई और यह मांग दिन-ब-दिन बढ़ती चली गई। 20 दिन में पीड़ित ने फर्जी अधिकारी द्वारा बताए गए बैंक अकाउंट में 1.2 करोड रुपए ट्रांसफर किया।
क्या होता है डिजिटल अरेस्ट (What is Digital Arrest)
Digital Arrest एक तरीके का ऑनलाइन स्कैन है। जिसमें व्यक्ति को एक अनजान नंबर से कॉल आता है, और कॉल आने वाला खुद को कस्टम, सीबीआई व अन्य विभाग का अधिकारी बताता है। कॉल करके लोगों से कहा जाता है कि उनके नाम का एक पार्सल आया, जिसमें ड्रग्स पाया गया है और क़ानूनी कार्यवाही करने की धमकी दी जाती है। इसके बाद पैसे मांगे जाते हैं और न देने पर गिरफ्तारी करने की धमकी दी जाती है।
कैसे बच सकते हैं डिजिटल अरेस्ट से (How to Save from Digital Arrest)
डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए आपको कोई भी अनजान कॉल को ना रिसीव करें। कोई कॉल करके धमकता है तो डरे नहीं बल्कि डटकर सामना करें क्योंकि यदि आपने कोई पार्सल मंगाया नहीं तो आपको डरने की कोई जरूरत नहीं है। आपने यह जानकारी जैसे घर का एड्रेस, बैंक अकाउंट डिटेल, पैन कार्ड किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ शेयर ना करें। इस तरह के काल की शिकायत तुरंत पुलिस थाने में जाकर करें।