SC Arvind Kejariwal : अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें दिन-दिन बढ़ती जा रही हैं। अभी हाल ही में खबर आई थी, कि उनके निजी सहायक को उनके कार्य से मुक्त कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, कि उनकी गिरफ्तारी अमान्य तरीके से की गई है। जिस पर सुनवाई की जानी चाहिए थी। लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर सुनवाई करने से तुरंत इनकार कर दिया था। जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने मजूर करके 15 अप्रैल को इस पर सुनवाई करने का आदेश दे दिया है। आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल पर शराब घोटाले और नीति आयोग के घोटाले के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था। गिरफ्तारी के बाद 14 दिन की डिमांड पर उन्हें ईडी की कस्टडी में भेजा गया था।
विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी पर कई सारे आरोप लगाए खासकर, भाजपा ने आए दिन आम आदमी पार्टी को लेकर कई आलोचनाओं की है। जिसमें उन्होंने प्रदर्शन कर यह बताया है कि अरविंद केजरीवाल को अपने पद यानी सीएम के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। इसी चीज को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। लेकिन सुनवाई के दौरान जज ने इसे खारिज कर दिया। खारिज करने की वजह यह बताई की राज्यपाल, सरकार को चलाने में समर्थ है इसमें कोर्ट की कोई भी दखल अंदाज़ी की जरूरत नहीं है।
सूत्रों की माने तो अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु ने कोर्ट में दलीलें दी है, कि यह जो भी गिरफ्तारी हुई है यह गलत या अविश्वसनीय दस्तावेजों के आधार पर हुई है, जो हमसे छुपी गई थी। इसलिए हम इस गिरफ्तारी को अमान्य मानते हैं। और अरविंद केजरीवाल की रिहाई की दरखास्त करते हैं। आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल के द्वारा दी गई अर्जी को 15 अप्रैल को, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए मंजूरी मिल गई है। जिसे हाई कोर्ट ने तत्काल रूप से सुनवाई के लिए मना कर दिया था।