Lok Sabha Election 2024 : लखनऊ, टिकट बटवारें के बाद भाजपा में जिस तरह से असंतोष पनप रहा, उसे देख कर लगता कि अबकी बार 400 पार का नारा देने वाली भाजपा को यूपी में 2019 की सफलता दोहराना असंभव नहीं, बल्कि कठिन जरूर है।
भाजपा ने गाजियाबाद से भाजपा सांसद डॉक्टर वी के सिंह का टिकट काट दिया है, जिससे वहां के पार्टी कार्यकर्ताओं में काफी रोष है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने वहां से घोषित प्रत्यासी अतुल गर्ग के खिलाफ उन्हीं के सामने नारे लगाए है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने डॉक्टर वी के सिंह को वापस जाओ, वापस जाओ का नारा लगा कर उनका स्वागत किया है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने भाजपा आलाकमान को भी अपनी भावनाओं से अवगत करा दिया है।
छत्रपाल गंगवार का नहीं किया कार्यकर्ताओ ने स्वागत
यही हाल बरेली के भाजपा प्रत्याशी छत्रपाल गंगवार का है, जिन्होंने खुद ही भाजपा आलाकमान से कहा है की यहां के पार्टी कार्यकर्ता उनका समर्थन नहीं कर रहे हैं ऐसी स्थिति में उन्हें अपनी जीत सुनिश्चित नजर नहीं आ रही है। भाजपा आलाकमान ने उनकी शिकायत को गंभीरता से लिया हैं, और डैमेज कंट्रोल में जुट गई है।
वरुण गांधी को नहीं दिया टिकट
पीलीभीत में भी वरुण गांधी को टिकट न दिए जाने से वहां के भाजपा कार्यकर्ताओं में मायूसी है। वरुण गांधी की पीलीभीत पारंपरिक सीट मानी जाती है। वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी वहां से कई बार चुनाव जीत चुके हैं। इस बार भाजपा ने वहां से प्रदेश सरकार के PWD मंत्री जितिन प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है, हालांकि जितिन प्रसाद वहां का जाना पहचाना चेहरा है और उनके परिवार का उस सीट पर काफी असर है, फिर भी उन्हें कार्यकर्ताओं के असंतोष का सामना करना पड़ रहा है। कार्यकर्ताओं का असंतोष वहां पार्टी प्रत्याशी पर भारी पड़ सकता है।
टिकट न घोषित होने से कार्यकर्ताओं में रोष
भाजपा सांसद बृज भूषण सिंह का अभी तक टिकट न घोषित होने से गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती और उसके आस पास के क्षेत्रों में भाजपा कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है। बृज भूषण सिंह की नाराजगी भाजपा पर भारी पड़ सकती हैं। भाजपा ने अगर उन्हें टिकट नही दिया तो उसे भारी नुकसान होने की संभावना है,हालाकि भाजपा ने संकेत दिया है कि हरियाणा में चुनाव होने के बाद उनके नाम की घोषणा की जाएगी। अभी उनके टिकट की घोषणा करके भाजपा जनमंतो को नाराज नही करना चाहती।
मोहनलाल गंज में कौशल किशोर को और केंद्रीय मंत्री डॉक्टर महेंद्र पांडेय को दोबारा प्रत्याशी बनाए जाने से, जहां वहां के पार्टी कार्यकर्ताओं में काफी रोष है, वहीं गाजीपुर में पार्टी प्रत्याशी की घोषणा न होने से वहां के कार्यकर्ताओं में काफी रोष है। कानपुर में पार्टी प्रत्याशी रमेश अवस्थी को कार्यकर्ताओं ने उन्हीं के समक्ष उन्हें पहचानने से इन्कार कर दिया।
उन्नाव में भी यही स्तिथि है। पार्टी में उपजे असंतोष को देख कर लगता है, कि पार्टी यूपी में भी अपनी पुरानी सफलता नही दोहरा पाएगी। अगर पार्टी को यूपी में 2019 का आंकड़ा नही मिला, तो भाजपा का 400 का नारा, एक सपना बन कर रह जाएगा। भाजपा नेताओं के चेहरे पर 400 पार का पाला न छू पाने का दर्द साफ दिखाई देने भी लगा है।