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कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, CBI जांच के साथ सभी स्टॉक को जब्त करने की मांग

मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप पीने से मासूम बच्चों की मौत का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में अब सीबीआई जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है।

जब्त किए जाए मौजूदा कफ सिरफ का स्टॉक

वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका में राष्ट्रीय न्यायिक आयोग/विशेषज्ञ समिति से जांच की मांग की गई है। जगह-जगह बैन किए गए मौजूदा कोल्ड्रिफ कफ सिरफ के सभी स्टॉक को जब्त करने की मांग की गई है।

सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में हो जांच

इसके साथ ही याचिका में कहा गया कि सभी FIR की जांच सीबीआई को सौंपी जाए। कफ सिरप के निर्माण, रेगुलेशन, टेस्टिंग और डिस्ट्रीब्यूशन की जांच और पूछताछ सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में की जाए।

सबसे ज्यादा एमपी के छिंदवाड़ा में बच्चों की गई जान

बता दें कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक दोनों राज्यों में कुल 18 बच्चों की जान जा चुकी है, जिनमें से 16 मौतें मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में और 2 राजस्थान के भरतपुर व सीकर में दर्ज की गई हैं।  जांच में सिरप में 48.6% डाईएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) नामक जहरीला रसायन पाया गया, जो किडनी फेलियर का कारण बन रहा है।

जानिए अब तक क्या हुआ एक्शन?

केंद्र सरकार ने छह राज्यों में 19 दवाओं की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स पर जोखिम आधारित निरीक्षण शुरू कर दिया है, जबकि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी कर तत्काल जांच और नकली दवाओं पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है।

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