
आठवें केंद्रीय वेतन आयोग को आखिरकार कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है, जिससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और भत्तों में संशोधन का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने जनवरी में मिली सैद्धांतिक मंजूरी के बाद अब वेतन आयोग का आधिकारिक तौर पर गठन कर दिया है। खबर के मुताबिक, इस आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश जस्टिस रंजना देसाई करेंगी। जस्टिस देसाई की नियुक्ति के साथ ही वेतन आयोग ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
आयोग के सदस्य हुए नियुक्त
पुलक घोष और पंकज जैन को आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है। अध्यक्ष के तौर पर जस्टिस रंजना देसाई (सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश) और सदस्य के तौर पर पुलक घोष अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे। यह आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों, सैन्य बलों के कर्मियों और अखिल भारतीय सेवाओं के सदस्यों के वेतन, भत्तों और सेवा शर्तों की व्यापक समीक्षा करेगा। आयोग को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है।
सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी
आयोग की सिफारिशें, 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती हैं। यह कदम केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है, जो महंगाई के मौजूदा माहौल में अपने वेतनमानों में अपेक्षित सुधार की प्रतीक्षा कर रहे थे। आयोग की सिफारिशों से लगभग 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों को फायदा मिलने की उम्मीद है।
सटीक तारीख अंतरिम रिपोर्ट आने के बाद
जब केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने की तारीख के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सटीक तारीख अंतरिम रिपोर्ट आने के बाद तय की जाएगी, लेकिन अधिकांश संभावना यही है कि यह 1 जनवरी 2026 से लागू होगा। गौरतलब है कि कैबिनेट ने जनवरी 2025 में ही 8वें वेतन आयोग के गठन को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। इस आयोग में आईआईएम बैंगलोर के प्रोफेसर पुलक घोष को पार्ट-टाइम सदस्य और पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन को मेंबर-सेक्रेटरी के रूप में नामित किया गया है।





