उत्तर प्रदेश

अब्बास अंसारी समेत पांच को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, एफआईआर, गैंगचार्ट और गैर जमानती वारंट भी किया रद्द

मुख्तार अंसारी के बेटे विधायक अब्बास अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्बास अंसारी, नवनीत सचान, शहबाज आलम खान और फराज खान के खिलाफ थाना कर्वी कोतवाली नगर में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमा को रद्द कर दिया है।

हाईकोर्ट ने उक्त मामले के गैंगचार्ट और गैर-जमानती वारंट को भी रद्द कर दिया है। नवनीत सचान, शहबाज आलम खान और फराज खान की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद एफआईआर और गैंगचार्ट को रद्द किया है। इस फैसले से अब्बास अंसारी और ड्राइवर नियाज अंसारी को भी राहत मिली है।

दरअसल, कर्वी कोतवाल उपेंद्र सिंह की शिकायत पर दिनांक 31.08.2024 को अब्बास अंसारी पुत्र स्व. मुख्तार अंसारी और नवनीत सचान पुत्र सतेंद्र सचान, नियाज अंसारी पुत्र मुन्ना अंसारी, फराज खां पुत्र मुन्ने खां तथा शहबाज आलम खां पुत्र शाहिद आलम खां के खिलाफ उत्तर प्रदेश गिरोहबंद एवं समाज विरोध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम की धारा 2/3 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।

उपेंद्र सिंह ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि अब्बास अंसारी चित्रकूट की जेल से गैंग चलाता है, जो जनपद चित्रकूट में डी-01/2024 गैंग के रूप में दर्ज है। इस गैंग के गैंगलीडर अब्बास अंसारी और सक्रिय सदस्य नवनीत सचान, नियाज अंसारी, फराज खां तथा शहबाज आलम खां हैं। ये लोग अपने गिरोह के सदस्यों के लिए आर्थिक एवं दुनियावी लाभ प्राप्त करने के लिए लोगों को भय में डालकर अवैध रूप से रंगदारी व वसूली कर मारपीट करते हैं।

इस गिरोह का आम जनता में भय और आतंक व्याप्त है, जिसके चलते इनके खिलाफ कोई व्यक्ति गवाही देने और रिपोर्ट दर्ज कराने का साहस नहीं कर पाता है। इनके विरुद्ध कोतवाली कर्वी में मुकदमे दर्ज हैं। हाईकोर्ट ने उक्त मामले के गैंगचार्ट और गैर-जमानती वारंट को भी रद्द कर दिया है।

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