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स्वामी चैतन्यनंद के खिलाफ FIR दर्ज.. दिल्ली के शैक्षणिक संस्थान में 17 लड़कियों के यौन शोषण का आरोप

दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के पॉश इलाके में बने श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट में कार्यरत स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी के खिलाफ मिली यौन उत्पीड़न की कई शिकायतों की जांच के बाद गंभीर आरोपों में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने बुधवार को बताया कि इस मामले के प्रकाश में आने के बाद मुख्य आरोपी स्वामी चैतन्यानंद फरार हो गया। उसके खिलाफ पुलिस ने लुक आउट नोटिस जारी कर दिया है, ताकि वह देश छोड़कर भाग न सके।

दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड में पुलिस की टीमें बाबा की तलाश में छापेमारी कर रही हैं। यह कार्रवाई पीड़ित छात्राओं के गंभीर आरोपों के बाद शुरू की गई है, जिन्होंने बाबा पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। छात्राओं का कहना है कि चैतन्यानंद उन्हें नंबर कम करने और फेल करने की धमकी देकर अपने कमरे में बुलाता था।

इतना ही नहीं, वह उन्हें विदेश ले जाने का लालच भी देता था। पुलिस को जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। बाबा की गाड़ी से कई डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट बरामद की गई हैं, जिसने मामले को और पेचीदा बना दिया है। इसके अलावा, आश्रम से कुछ सीसीटीवी फुटेज डिलीट करने के आरोप भी सामने आए हैं।

पुलिस ने डीवीआर को फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) में जांच के लिए भेज दिया है। पुलिस को यह भी पता चला है कि 50 से ज्यादा छात्राओं के फोन से बाबा के साथ की गई चैट डिलीट कर दी गई हैं। इस मामले में तीन वार्डनों के बयान दर्ज किए गए हैं, जिन पर आरोप है कि उन्होंने आरोपी के कहने पर छात्राओं के फोन से चैट हटाई। खबर यह भी है कि बाबा ने लंदन में रहते हुए अपनी अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी, लेकिन बाद में उसे खुद ही वापस ले लिया।

इस मामले में चार अगस्त को दक्षिण पश्चिम दिल्ली के वसंत कुंज उत्तर पुलिस थाना में श्री मठ और उसकी संपत्तियों के प्रशासक पी.ए. मुरली की शिकायत मिली थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती ने इंस्टीट्यूट में पढ़ रहीं छात्राओं का यौन उत्पीड़न किया। पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर जांच करके 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए गए। इनमें से 17 ने स्वामी चैतन्यानंद पर अभद्र भाषा बोलने, अश्लील व्हाट्सएप/एसएमएस संदेश भेजने और अवांछित शारीरिक संपर्क के आरोप लगाए।

ये छात्राएं यहां से ईडब्ल्यूएस छात्रवृत्ति के तहत पीजीडीएम कोर्स कर रही हैं। पीड़िताओं ने यह भी बताया कि संस्थान में कार्यरत कुछ महिला संकाय सदस्यों और प्रशासकों ने आरोपी के दबाव में उन्हें उत्पीड़न सहन करने के लिए मजबूर किया। पुलिस ने इन बयानों के आधार पर वसंत कुंज उत्तर थाने में भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया गया और घटनास्थल और आरोपी के ठिकानों पर कई छापेमारी की गईं।

संस्थान से मिली एनवीआर/हार्ड डिस्क को फॉरेंसिक जांच के लिए एफएसएल भेजा गया है। कुल 16 पीड़िताओं के बयान धारा 183 बीएनएस के तहत पटियाला हाउस अदालत में न्यायाधीश के समक्ष दर्ज किए गए हैं। जांच के दौरान श्री शारदा इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में एक वोल्वो कार पार्क मिली, जिस पर जाली राजनयिक नंबर प्लेट (39 यूएन 1) लगी थी। यह कार स्वामी चैतन्यानंद उपयोग करता था। इसके आधार पर भी गत 25 अगस्त को वसंत कुंज उत्तर पुलिस थाने में विभिन्न धाराओं के तहत एक और मामला दर्ज कर कार को जब्त कर लिया था।

इस संस्थान के संस्थापक श्री श्री जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम्, दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम्, श्रृंगेरी ने एक बयान जारी करके कहा है कि स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती उर्फ स्वामी पार्थसारथी के अवैध और अनुचित कृत्यों से, उनकी संस्था का कोई संबंध नहीं है और संस्था ने उससे सभी संबंध समाप्त कर दिए गए हैं। स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी पर यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच में पता चला है वह लगभग 12 वर्षों से वसंत कुंज आश्रम एवं संस्थान परिसर में रह रहा था और स्वयं को केयर टेकर/ प्रभारी के रूप में प्रस्तुत करता था। सूत्रों के अनुसार, वह संस्थान के डायरेक्टर / प्रबंधक का पद संभाल रहे थे।

जांच में यह सामने आया है कि उसके खिलाफ पहले भी पुराने मामले दर्ज हैं। साल 2009 और 2016 में भी उस पर उत्पीड़न एवं धोखाधड़ी के आरोप लगे। वह मोबाइल बहुत कम इस्तेमाल करते थे, जिससे उसकी लोकेशन का पता लगाना मुश्किल हो रहा है। जानकारी के अनुसार मूलतः वह ओडिशा का निवासी है और ऑनलाइन प्रोफ़ाइल में आरोपी का दावा है कि उनकी उच्चतम डिग्री पीएचडी (शिकागो बूथ विश्वविद्यालय ) है और मैनेजमेंट / अर्थशास्त्र संबंधित विषय पढ़ाये थे लेकिन विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार स्तर पर इसका अभी तक कोई पुष्टि योग्य रिकॉर्ड सार्वजनिक नहीं हुआ है।

दिल्ली पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और चैतन्यानंद की गिरफ्तारी के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। जांच में नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं, और पुलिस का कहना है कि जल्द ही इस मामले में अहम प्रगति होगी। फिलहाल, बाबा की तलाश में छापेमारी का दौर जारी है।

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