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गयाजी पहुंची राष्ट्रपति मुर्मू : पितरों की आत्मा की शांति के लिए किया पिंडदान, राज्यपाल भी रहे मौजूद

गयाजी। पितृपक्ष के पावन अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपती मुर्मू आज बिहार की धार्मिक नगरी गयाजी पहुंची और अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया। इससे पहले आज सुबह गयाजी हवाईअड्डे पर मुर्मू का भव्य स्वागत किया गया। राष्ट्रपति के स्वागत के लिए प्रदेश के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान स्वयं मौजूद थे।

राष्ट्रपति मुर्मू गया हवाईअड्डे से सीधे विष्णुपद मंदिर के लिए रवाना हुईं, जहां उन्होंने अपने पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए पिंडदान किया। राष्ट्रपति के आगमन को लेकर विष्णुपद मंदिर में भी विशेष व्यवस्था की गई थी। उड़ीसा क्षेत्र के पुरोहित मंगल झांगर ने पिंडदान कर्मकांड की प्रक्रिया संपन्न कराई।

इस अवसर पर पुरोहित मंगल झांगर ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पितरों के पिंडदान कर्मकांड की प्रक्रिया पूरे धार्मिक विधि विधान के अनुसार संपन्न कराई गई। उन्होंने कहा कि इस दौरान राष्ट्रपति को गयाजी में होने वाले पिंडदान कर्मकांड के महत्व के बारे में भी जानकारी दी गई है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू पहली बार पिंडदान कर्मकांड के लिए गया आई हैं। इससे पहले उनके पूर्वजों ने भी यहां पिंडदान किया था, जिससे संबंधित दस्तावेज भी उन्हें दिखाए गए। उन्होंने कहा कि विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के पास कुछ समय पहले यह सूचना आई थी कि राष्ट्रपति मुर्मू पिंडदान करने गया आ रही है। आज राष्ट्रपति पिंडदान के बाद दिल्ली वापस रवाना हो गईं।

इससे पहले शुक्रवार को रिलायंस समूह के चेयरमैन मुकेश अंबानी और उनके पुत्र अनंत अंबानी भी गयाजी पिंडदान करने पहुंचे थे। राष्ट्रपति के कार्यक्रम के मद्देनजर गयाजी में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किये गए थे और हवाईअड्डे से विष्णुपद मंदिर तक के मार्ग पर पुलिस चाकचौबंद और मुस्तैद थी। इस संबंध में शुक्रवार को अधिकारियों ने मॉक ड्रिल कर सुरक्षा घेरों की मजबूती की की जांच भी की थी।

आज सुबह राष्ट्रपति का काफिला गया एयरपोर्ट से 5 नंबर गेट, घुघड़ीटॉड़ बाईपास और बंगाली आश्रम होते हुए विष्णुपद मंदिर तक पहुंचा। राष्ट्रपति की सुरक्षा पुख्ता रखने के लिए सभी संवेदनशील स्थानों पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं और हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए मजिस्ट्रेट के साथ सुरक्षा जवान तैनात किए गए थे। राष्ट्रपति की सुरक्षा जो देखते हुए शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में भी बदलाव किये गए थे और उनके आवागमन के समय मार्ग पर आम वाहनों का परिचालन पूरी तरह से बंद रखा गया था।

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