यूपी बना ‘फियरलेस बिजनेस’ का नया केंद्र : योगी आदित्यनाथ

- लखनऊ में सीएसआईआर स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2025 का समापन
- उत्तर प्रदेश में सक्रिय हैं 17 हजार से अधिक स्टार्टअप, इनमें 8 यूनिकॉर्न शामिल : मुख्यमंत्री
- 72 इनक्यूबेटर्स और 7 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से नवाचार को दिया गया बढ़ावा : योगी आदित्यनाथ
- सरकार ने स्टार्टअप्स को दी 137 करोड़ की वित्तीय सहायता : मुख्यमंत्री
- सरकार केवल नीतियां नहीं बना रही, बल्कि युवाओं, उद्यमियों और वैज्ञानिकों के विचारों को पंख दे रही : योगी आदित्यनाथ
- ‘लैब टू इंडस्ट्री’ मॉडल से नवाचार को नया आयाम देगा यूपी : सीएम योगी
- ओडीओपी योजना से एमएसएमई क्षेत्र में नई जान, 2 करोड़ लोगों को रोजगार
- सीएम योगी ने कहा, 2047 का विकसित भारत, विकसित यूपी से ही संभव
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को राजधानी लखनऊ में आयोजित सीएसआईआर स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2025 के समापन समारोह में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदर्शनी में विभिन्न स्टार्टअप उत्पादों का अवलोकन किया और अपने संबोधन में उत्तर प्रदेश की उपलब्धियों और भविष्य की दिशा को सबके सामने रखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने बीते साढ़े आठ वर्षों में सुरक्षा का उत्कृष्ट वातावरण दिया है। फियरलेस बिजनेस का केंद्र उत्तर प्रदेश बन चुका है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भी यूपी आज अग्रणी है। अब ‘ट्रस्ट ऑफ डूइंग बिजनेस’ यूपी की नई पहचान है। व्यवसाय के लिए सुरक्षा, सुगमता और मजबूत इको सिस्टम जरूरी है और यह तीनों आज उत्तर प्रदेश में मौजूद हैं।
हम प्रयोगशाला से उद्योग तक युवाओं के साथ
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार केवल नीतियां नहीं बना रही, बल्कि युवाओं, उद्यमियों और वैज्ञानिकों के विचारों को पंख दे रही है। सरकार हर योग्य स्टार्टअप के साथ खड़ी है। हम प्रयोगशाला से उद्योग तक युवाओं का साथ दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर शोध उत्पाद बने, हर उत्पाद उद्योग बने और हर उद्योग भारत की शक्ति बने। यही विकसित भारत और विकसित यूपी का मंत्र है।
विज्ञान और तकनीक में जितना निवेश होगा, समाज उतना प्रगतिशील बनेगा
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया, जिनके सहयोग से यह कॉन्क्लेव लखनऊ में आयोजित हुआ। मुख्यमंत्री ने बताया कि यहां चारों केंद्रीय प्रयोगशालाओं- एनबीआरआई, सीडीआरआई, आईआईटीआर और सीमैप के निदेशकों ने भविष्य की कार्ययोजना प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि विज्ञान और तकनीक में जितना निवेश होगा, समाज उतना प्रगतिशील बनेगा और वही देश दुनिया का नेतृत्व करेगा।
प्रदेश में 17 हजार से अधिक स्टार्टअप, 8 यूनिकॉर्न
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से बढ़ा है। आज भारत में 1 लाख 90 हजार स्टार्टअप हैं और हम अमेरिका व ब्रिटेन के बाद तीसरे स्थान पर हैं। प्रधानमंत्री जी की सोच थी कि युवा जॉब सीकर नहीं, जॉब क्रिएटर बने। उसी संकल्पना को यूपी ने मजबूती से आगे बढ़ाया है। प्रदेश में 17 हजार से अधिक स्टार्टअप सक्रिय हैं, जिनमें 8 यूनिकॉर्न शामिल हैं। यहां 72 इनक्यूबेटर्स और 7 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित हो चुके हैं। स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने 137 करोड़ रुपये की सहायता भी उपलब्ध कराई है।
सहयोगी भावना ही स्टार्टअप्स को बाजार से जोड़ेगी
उन्होंने बताया कि हेल्थकेयर, एग्री, बायोटेक, ब्यूटी और एन्वायरनमेंट जैसे क्षेत्रों में स्टार्टअप्स ने उल्लेखनीय कार्य किया है। प्रगतिशील किसानों के प्रयासों से अन्य किसानों का जीवन भी बदल रहा है। पहले अनुसंधान लैब तक सीमित रह जाता था, लेकिन अब ‘लैब टू लैंड’ और ‘लैब टू इंडस्ट्री’ की दिशा में काम हो रहा है। यही सहयोगी भावना स्टार्टअप्स को बाजार से जोड़ेगी और उनकी सफलता तय करेगी।
2017 से पहले श्रमिकों और युवाओं का पलायन होता था
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी आज ग्लोबल टेक और इनोवेशन हब के रूप में स्थापित हो रहा है। स्टार्टअप और स्टैंडअप की यह व्यवस्था आत्मनिर्भर भारत का आधार बनेगी। उन्होंने ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ (ओडीओपी) योजना का उदाहरण देते हुए कहा कि परंपरागत उद्योगों और एमएसएमई को तकनीक, डिजाइन, पैकेजिंग और मार्केट से जोड़ा गया। इसका नतीजा है कि आज यूपी से प्रतिवर्ष दो लाख करोड़ रुपये का निर्यात हो रहा है। 2017 से पहले प्रोत्साहन के अभाव में श्रमिकों और युवाओं का पलायन होता था, लेकिन अब 96 लाख एमएसएमई इकाइयों में दो करोड़ लोग कार्यरत हैं। 75 जिलों के 77 उत्पादों को जीआई टैग मिला है, जिससे उनकी वैश्विक मांग बढ़ी है।
चारों सेंट्रल लैबोरेट्रीज की सराहना
मुख्यमंत्री ने बताया कि एनबीआरआई ने जैविक खेती को बढ़ावा देते हुए 9 लाख एकड़ भूमि पर किसानों को जैविक खाद उपयोग के लिए प्रेरित किया। सीडीआरआई नई दवाओं के शोध पर काम कर रहा है, जिससे फार्मा पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क को बढ़ावा मिल रहा है। आईआईटीआर ने आर्सेनिक और फ्लोराइड की समस्या वाले क्षेत्रों में महत्वपूर्ण शोध किया है, वहीं सीमैप ने पिपरमिंट और स्पिरिचुअल टूरिज्म से जुड़े उत्पादों पर नई दिशा दी है। दो दिवसीय इस स्टार्टअप कॉन्क्लेव ने न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम को नई दिशा और ऊर्जा प्रदान की है। इस अवसर पर विभिन्न स्तरों पर कई एमओयू का आदान-प्रदान हुआ और अनेक स्टार्टअप्स ने अपने उत्पाद लॉन्च किए।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, सीएसआईआर-एनबीआरआई के निदेशक एके शासनी, सीएसआईआर-सीडीआरआई के निदेशक राध रंगराजन, सीमैप के निदेशक सुबोध कुमार त्रिवेदी, आईआईटीआर के निदेशक भास्कर नारायण समेत देशभर के वैज्ञानिक, उद्योग जगत से जुड़े सीएमडी, सीईओ, वीसी, अकादमिक संस्थानों के प्रमुख, प्रगतिशील किसान और अन्य स्टेकहोल्डर्स मौजूद रहे।
लखनऊ स्टार्टअप हब बनने की ओर, जल्द बनेगा बायोटेक पार्क और साइंस म्यूजियम: डॉ. जितेंद्र सिंह
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लखनऊ में आयोजित सीएसआईआर स्टार्टअप कॉन्क्लेव के दौरान कहा कि वे हमेशा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्नेह और सहयोग के पात्र रहे हैं और यूपी में किसी भी कार्यक्रम को लेकर वैज्ञानिकों को हमेशा मुख्यमंत्री का मार्गदर्शन और आशीर्वाद मिलता रहा है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स के मामले में जिस प्रकार हैदराबाद और दक्षिण भारत के शहर विकसित हुए हैं, वैसा ही पोटेंशियल लखनऊ में भी मौजूद है। लखनऊ से मिंट की गोली पूरी दुनिया को मिली और मुख्यमंत्री जी के सहयोग से साहिबाबाद स्थित सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड, जो पहले घाटे में था, अब दो साल में ही प्रॉफिट मेकिंग संस्थान बन गया है। डॉ. सिंह ने बताया कि 1977 में इसी यूपी से हिन्दुस्तान का पहला सोलर सेल बना था और अब लखनऊ में नया बायोटेक्नोलॉजी पार्क और साइंस म्यूजियम भी स्थापित किया जाएगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि लखनऊ में स्थित देश का सबसे पुराना बॉटेनिकल गार्डन और वहां बना स्वास्तिक लोटस गार्डन, जिसमें दुनियाभर के कमल के फूल लगाए गए हैं, भविष्य में एक बड़े पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो सकता है।
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