जन सेवा केंद्र की आड़ में 4 राज्यों में चल रहा था फर्जीवाड़ा, फर्जी दस्तावेज के जरिये रोहिंग्या-बांग्लादेशी बन रहे भारतीय नागरिक

लखनऊ। यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार, दिल्ली व एनसीआर में जन सेवा केंद्र की आड़ में फर्जी आधार कार्ड बनाने का धंधा चल रहा था। इस फर्जीवाड़े के जरिये रोहिंग्या व बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र सौंपा जा रहा था। एटीएस को जानकारी होने पर गिरोह के बारे में जानकारी जुटाई।
गुरुवार को उत्तर प्रदेश के पांच जिलों में छापा मारा। मौके से आठ आरोपियों को दबोच लिया। आरोपियों के पास से कई अहम दस्तावेज बरामद किये गये। एटीएस आरोपियों को रिमांड पर लेकर गिरोह के बारे में पूछताछ करेगी। वहीं कुछ अन्य सदस्यों की तलाश में दबिश दी जा रही है।
एटीएस अधिकारियों के मुताबिक आरोपियों द्वारा जन सेवा केंद्र में इलेक्ट्रॉनिक व मैनुअल तरीके से फर्जीवाड़ा कर भारतीय दस्तावेज तैयार किये जा रहे थे। गिरोह का नेटवर्क उत्तर प्रदेश के आजमगढ़, गोरखपुर, सहारनपुर, मऊ, औरैया तथा पश्चिम बंगाल के जनपद मुर्शीदाबाद, कोलकाता व बिहार के लखीसराय, कटिहार, दिल्ली व एनसीआर काफी दिनों से सक्रिय थे। इस गिरोह के सदस्यों ने पहले आधार कार्ड बनाने के लिए पंजीकरण कराया।
इसके बाद अवैध तरीके से बांग्लादेशी, रोहिंग्या और अन्य अपात्र लोगों के वीपीएन का प्रयोग करते और सिस्टम को रिमोट पर लेकर फर्जी आधार कार्ड बना रहे हैं। साथ ही आधार कार्ड पर गलत तरीके से संशोधन कर रहे थे। इन आधार कार्ड के लिए अवैध घुसपैठिये, बांग्लादेशी, रोहिंग्या, नेपाली लोगों द्वारा 2000 से 5000 रुपये दिये जाते है। फर्जी आधार कार्ड का प्रयोग कर सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ भी लिया जा रहा है।
दलाल के माध्यम से आते थे घुसपैठिये
एटीएस के पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों ने दलालों का बड़ा नेटवर्क खड़ा किया था। ये दलाल ऐसे घुसपैठियों की तलाश करते थे, जिनके पास आधार कार्ड या कोई अन्य पहचान पत्र नहीं होता था। भारतीय दस्तावेज बनवाने के लिए ये दलाल घुसपैठियों को लेकर जन सेवा केंद्र पहुंचते। वहां जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, शपथ पत्र तैयार करवाकर अवैध तरीके से आधार कार्ड बनाया जाता था।
एटीएस ने आरोपियों मो. नसीम, शाकिब, विशाल कुमार, हिमांशु राय, मृंत्युजय गुप्ता, सलमान अंसारी, गौरव कुमार गौतम और राजीव तिवारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी है। आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से जेल भेज दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए कोर्ट से अनुरोध किया जाएगा। जिससे इस गिरोह के अन्य लोगों के बारे में जानकारी हासिल कर सकें।
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