पीएम मोदी ने की नीतीश सरकार की सराहना, कहा- कुछ लोग कर्पूरी ठाकुर का ‘जननायक’ सम्मान चुराने की कोशिश में लगे हैं

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व शासन के दौरान शिक्षा की ‘‘खराब स्थिति’’ को राज्य से बड़े पैमाने पर पलायन का एक प्रमुख कारण बताया और हालात में सुधार लाने एवं राज्य को प्रगति के पथ पर अग्रसर करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की शनिवार को सराहना की। बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। मोदी ने बिहार के लिए कई परियोजनाओं समेत युवा केंद्रित शिक्षा एवं कौशल विकास पहलों के उद्घाटन कार्यक्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी परोक्ष निशाना साधा जिन्हें कांग्रेस के सदस्य अक्सर ‘जननायक’ कहते हैं।
जननायक शब्द का इस्तेमाल ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के लिए किया जाता रहा है। मोदी ने गांधी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोगों द्वारा ठाकुर से जुड़े सम्मान को ‘‘चुराने’’ के प्रयासों के प्रति बिहार के लोगों को सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि ठाकुर को ‘सोशल मीडिया ट्रोल’ ने जननायक की उपाधि नहीं दी बल्कि यह उनके प्रति लोगों के प्रेम का प्रतीक है। मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने दिवंगत ओबीसी नेता को पिछले साल भारत रत्न से सम्मानित किया था।
मोदी ने मुख्यमंत्री कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा कि बिहार सरकार ने राज्य के विकास के लिए नए संकल्प लिए हैं और पिछले 20 साल की तुलना में अगले पांच वर्ष में रोजगार पाने वाले लोगों की संख्या को दोगुना करने का निर्णय लिया है। राज्य में जारी विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान पलायन के मुद्दे के जोर पकड़ने के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिहार के युवाओं को राज्य में ही रोजगार मिले। उन्होंने राजद सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि युवाओं की वर्तमान पीढ़ी इस बात से शायद अवगत नहीं होगी कि 20-25 साल पहले शिक्षा व्यवस्था को कितना बर्बाद किया गया था। मोदी ने कहा कि स्कूल नहीं खुलते थे और बहुत कम भर्तियां होती थीं तथा छात्रों को राज्य छोड़कर दूसरे शहरों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता था।
उन्होंने कहा कि पलायन की असली शुरुआत यहीं से हुई थी। उन्होंने कहा कि जिस पेड़ की जड़ें सड़ रही हों, उसे फिर से खड़ा करना बहुत मुश्किल होता है और राजद शासन के दौरान बिहार की यही स्थिति थी। उन्होंने राज्य में बदलाव लाने के लिए राजग सरकार की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) न केवल औद्योगिक शिक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र हैं बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए कार्यशालाओं का भी काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले दशक में 5,000 आईटीआई खोले हैं जबकि 2014 तक 10,000 आईटीआई खोले गए थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार पर विशेष जोर देते हुए 62,000 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न युवा-केंद्रित पहलों का शनिवार को अनावरण किया। मोदी ने 60,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एक केंद्र प्रायोजित योजना पीएम-सेतु (प्रधानमंत्री कौशल विकास एवं रोजगार योग्यता परिवर्तन उन्नत आईटीआई के जरिये) की शुरुआत की। इस योजना में 1,000 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को ‘हब-एंड-स्पोक’ मॉडल में उन्नत करने की परिकल्पना की गई है जिसमें 200 ‘हब’ आईटीआई और 800 ‘स्पोक’ आईटीआई शामिल हैं।
‘हब एंड स्पोक’ मॉडल एक वितरण प्रणाली है जो साइकिल के पहिये की तरह काम करती है जिसमें एक ‘हब’ (केंद्र) होता है जो सभी ‘स्पोक’ (छोटे, सहायक स्थानों) को आपस में जोड़ता है। प्रत्येक ‘हब’ औसतन चार ‘स्पोक’ से जुड़ा होगा जिससे उन्नत बुनियादी ढांचे, आधुनिक उद्यमों, डिजिटल शिक्षण प्रणालियों और इनक्यूबेशन सुविधाओं से सुसज्जित संकुलों का निर्माण होगा।
मोदी ने बिहार की संशोधित ‘मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना’ की भी शुरुआत की जिसके तहत हर साल लगभग पांच लाख स्नातकों को दो साल तक 1,000-1,000 रुपये का मासिक भत्ता मिलेगा और मुफ्त कौशल प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा। उन्होंने नए सिरे से तैयार की गई ‘बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड’ योजना की भी शुरुआत की जिसके तहत चार लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। प्रधानमंत्री ने जन नायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय का भी उद्घाटन किया जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी कार्यबल तैयार करने के लिए उद्योग-उन्मुख पाठ्यक्रम और व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करना है।