उत्तर प्रदेश

डेलिगेशन को बरेली भेजना सपा की नौटंकी – डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का कड़ा तंज

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर सपा बनाम भाजपा की जंग तेज होती दिख रही है। बरेली में एक घटनाक्रम को लेकर समाजवादी पार्टी द्वारा भेजे गए डेलिगेशन पर अब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने तीखा तंज कसा है। उन्होंने समाजवादी पार्टी की इस पहल को “नौटंकी” करार देते हुए कहा कि सपा अब जनहित के मुद्दों से भटक चुकी है और केवल सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ऐसे ड्रामे कर रही है।

केशव प्रसाद मौर्य ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सपा का बरेली डेलिगेशन जनता को गुमराह करने की कोशिश है। उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी जब सत्ता में थी, तब राज्य में गुंडाराज और भ्रष्टाचार चरम पर था, वहीं भाजपा सरकार ने कानून व्यवस्था को मजबूत कर अपराध पर प्रभावी नियंत्रण पाया है। मौर्य ने कहा कि आज योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश विकास के नए आयाम छू रहा है, जिससे विपक्षी दल बौखला गए हैं।

डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि सपा के नेताओं को जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। वे केवल कैमरों में आने के लिए घटनास्थल पर पहुंचते हैं और संवेदना जताने का नाटक करते हैं। मौर्य ने सख्त लहजे में कहा कि भाजपा सरकार जनता की सेवा के लिए समर्पित है और किसी भी साजिश या झूठे प्रचार से डरने वाली नहीं है।

उधर सपा नेताओं ने भी पलटवार करते हुए कहा है कि भाजपा सरकार जनता की आवाज़ को दबाने का प्रयास कर रही है। उनका कहना है कि सपा का प्रतिनिधिमंडल बरेली में हुए अन्याय के मामलों की जांच के लिए गया था, जिसे राजनीति बताना गलत है।

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर प्रदेश में हालिया घटनाओं ने दोनों दलों के बीच राजनीतिक गर्मी को और बढ़ा दिया है। बरेली की यह बहस अब प्रदेश की राजनीति का नया केंद्र बन गई है, जहां सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी सपा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर 2027 के विधानसभा चुनाव की जमीन तैयार कर रहे हैं।

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