देशबड़ी खबर

ईईपीसी इंडिया ने एमटीटी नियमों में ढील देने के आरबीआई के फैसले का किया स्वागत

भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी इंडिया) ने मर्चेटिंग ट्रेड ट्रांजैक्शन (एमटीटी) नियमों में ढील देने के आरबीआई के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इस कदम से खासकर छोटे निर्यातकों और खुदरा विक्रेताओं के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार होगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विदेशी मुद्रा व्यय की समयावधि को चार महीने से बढ़ाकर छह महीने करने के साथ एमटीटी नियमों को आसान बनाया है, जो कि 1 अक्टूबर, 2025 से प्रभावी है।

केंद्रीय बैंक ने 10 लाख रुपए प्रति बिल तक के लेनदेन के लिए एक्सपोर्ट डेटा प्रोसेसिंग एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (ईडीपीएमएस) और इंपोर्ट डेटा प्रोसेसिंग एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (आईडीपीएमएस) में एंट्रीज को समय पर बंद करने की प्रक्रिया को भी सरल बनाया है। ईईपीसी इंडिया ने कहा कि इस फैसले से छोटे निर्यातकों के लिए अनुपालन बोझ काफी कम होगा और व्यापारियों को फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी।

ईईपीसी के अध्यक्ष पंकज चड्ढा ने कहा, “आरबीआई द्वारा पेश सुधार ईईपीसी इंडिया की लंबे समय से पेंडिंग मांग थी। इस कदम से एमएसएमई निर्यातकों के लिए अनुपालन बोझ कम होगा और व्यापारियों के लिए प्रक्रियात्मक फ्लेक्सिबिलिटी सुनिश्चित होगा।” नए नियम के तहत, ईडीपीएमएस और आईडीपीएमएस में 10 लाख रुपए तक के मूल्य की एंट्री (आउटस्टैंडिंग एंट्रीज सहित) का मिलान और समापन संबंधित निर्यातक द्वारा दी गई घोषणा के आधार पर किया जा सकता है कि राशि प्राप्त हो गई है या आयातक द्वारा कि राशि का भुगतान कर दिया गया है।

शिपिंग बिलों या प्रवेश बिलों के घोषित मूल्य या चालान मूल्य में किसी भी प्रकार की कमी को भी संबंधित निर्यातक या आयातक द्वारा की गई घोषणा के आधार पर स्वीकार किया जाएगा। आरबीआई ने हाल ही में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य कदम उठाए हैं, जिनमें सीमा पार व्यापार के निपटान में भारतीय रुपए (आईएनआर) को बढ़ावा देना शामिल है। यह प्रमुख व्यापारिक साझेदारों की मुद्राओं के मुकाबले रुपए के लिए एक रेफरेंस रेट सेट करता है। चड्ढा ने कहा कि इन सभी उपायों से व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही भारतीय रुपए को धीरे-धीरे वैश्विक स्तर पर मजबूत करने में भी मदद मिलेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button