
आसियान (ASEAN) शिखर सम्मेलन 2025 एक बार फिर से एशिया और विश्व राजनीति का केंद्र बनने जा रहा है। इस सम्मेलन में कई बड़े मुद्दों पर चर्चा होगी, लेकिन सबसे ज्यादा नजरें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति तथा मौजूदा प्रभावशाली नेता डोनाल्ड ट्रंप की संभावित मुलाकात पर टिकी हैं। माना जा रहा है कि अगर दोनों नेताओं के बीच मुलाकात होती है, तो व्यापारिक टैरिफ, इंडो-पैसिफिक रणनीति और वैश्विक सुरक्षा जैसे अहम विषयों पर बात हो सकती है।
भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर लंबे समय से मतभेद बने हुए हैं। ट्रंप प्रशासन के दौरान कई भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाया गया था, जिसके जवाब में भारत ने भी कुछ अमेरिकी सामान पर टैरिफ बढ़ा दिए थे। इस कारण दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों में खटास आई थी। अब जब एशिया-प्रशांत क्षेत्र की राजनीति तेजी से बदल रही है और चीन की बढ़ती ताकत को देखते हुए नए गठबंधनों की ज़रूरत महसूस हो रही है, ऐसे में भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करना दोनों देशों के हित में है।
ASEAN शिखर सम्मेलन का मंच भारत और अमेरिका दोनों के लिए एक बड़ा अवसर साबित हो सकता है। मोदी और ट्रंप के बीच अगर सकारात्मक वार्ता होती है तो इससे व्यापारिक विवाद सुलझाने की दिशा में कदम बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और अमेरिका की टेक्नोलॉजी व रक्षा क्षेत्र में मजबूती, दोनों देशों को रणनीतिक साझेदारी की ओर धकेल सकती है।
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा भी इस मुलाकात का अहम मुद्दा हो सकता है। चीन के आक्रामक रुख और दक्षिण चीन सागर में बढ़ते तनाव को देखते हुए, ASEAN देशों के साथ-साथ भारत और अमेरिका भी इस क्षेत्र में स्थिरता चाहते हैं। मोदी और ट्रंप की बातचीत में इस बात पर भी सहमति बन सकती है कि कैसे ASEAN देशों के साथ मिलकर संतुलन बनाया जाए और चीन को काउंटर किया जाए।
राजनीतिक विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि ट्रंप और मोदी की शख्सियतें एक-दूसरे से काफी अलग होते हुए भी कुछ मामलों में समानता रखती हैं। दोनों नेता राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हैं और जनता से सीधे जुड़ने की राजनीति में विश्वास रखते हैं। ऐसे में अगर दोनों नेताओं की मुलाकात होती है तो यह केवल व्यापार और टैरिफ तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि रणनीतिक, रक्षा और तकनीकी सहयोग पर भी असर डालेगी।
संक्षेप में, ASEAN Summit 2025 में मोदी और ट्रंप की संभावित मुलाकात न सिर्फ भारत-अमेरिका संबंधों को नई दिशा दे सकती है, बल्कि पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र की राजनीति और अर्थव्यवस्था पर भी बड़ा असर डाल सकती है। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि क्या दोनों नेता टैरिफ विवाद पर कोई ठोस समझौता कर पाएंगे या यह मुद्दा एक बार फिर टल जाएगा।