
उत्तरकाशी में मची तबाही के बाद सरकार पूरी तरह से सतर्क हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी भी घटना स्थल पर पहुंच गए हैं। वहां पर स्तिथि का जायजा ले रहे हैं। वहां मौजूद लोगों से राहत और बचाव की जानकारी ली। उनसे बातचीत करके उन्हें हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है। सीएम धानी घटना स्थल पर भी पहुंचे और अधिकारियों भी बातचीत की और उन्हें निर्देश दिए कि किसी की मदद में कोई भी कमी नहीं आनी चाहिए और किसी भी चीज की जरूरत हो तो तुरंत उसकी जानकारी दें।
पीएम मोदी ने धामी से ली धराली आपदा और राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत कर उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में मंगलवार को आयी प्राकृतिक आपदा तथा राहत एवं बचाव कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। CM धामी ने बातचीत के दौरान पीएम मोदी को बताया कि राज्य सरकार राहत एवं बचाव कार्यों में पूरी तत्परता के साथ जुटी हुई है। लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण कुछ क्षेत्रों में कठिनाइयां आ रही हैं, लेकिन सभी संबंधित एजेंसियां समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं, ताकि प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता मिल सके।
प्रधानमंत्री ने सीएम धामी को केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। बातचीत के बाद, मुख्यमंत्री धराली बाजार, हर्षिल एवं आसपास के क्षेत्रों में आपदा से हुयी क्षति का निरीक्षण करने के लिए सहस्त्रधारा हेलीपैड से निकल गये। गौरतलब है कि उत्तरकाशी में आयी इस आपदा से धराली और हर्षिल दोनों ही क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। हर्षिल के तेलगाड में भी बादल फटा, जिससे सेना के कैंप को बहुत नुकसान पहुंचा है। मलबे की चपेट में आने से सेना की चौकियां और कुछ बंकर दब गए हैं।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शार्दुल गुसाईं के अनुसार धराली में करीब 25 से 30 लोग लापता हैं और लगभग 20 से 25 होटल तथा दुकानें क्षतिग्रस्त हुयी हैं। सेब की बागवानी के लिए प्रसिद्ध इस क्षेत्र में बागवानी भी बुरी तरह प्रभावित हुयी है। सड़कें भी जगह, जगह टूट गईं या बह गई हैं। इसलिए राहत दलों को घटना स्थल तक पहुंचने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। गंगोत्री तक लाइनें टूट जाने से बिजली आपूर्ति पूरी तरह बंद है। प्रशासन नुकसान का आकलन कर राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है।
10 लोगों की मौत, सेना के जवान लापता
इस आपदा में अब तक 10 लोगों की जान चली गई है, जबकि सेना के 10 जवान समेत कई लोग अभी भी लापता हैं। सेना की 14वीं राजरिफ बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हर्षवर्धन के नेतृत्व में 150 जवान राहत कार्यों में जुटे हैं। स्टेट कंट्रोल रूम से स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
धराली गांव का आधा हिस्सा मलबे में दबा
धराली, गंगोत्री धाम से 20 किमी पहले स्थित एक प्रमुख पड़ाव है। इस आपदा में गांव का आधा हिस्सा मलबे और कीचड़ में दब गया। बाढ़ और मलबे के तेज बहाव ने कई मंजिला इमारतों को ताश के पत्तों की तरह ढहा दिया। अधिकारियों के मुताबिक, खीरगंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में बादल फटने की वजह से यह विनाशकारी बाढ़ आई, जिसने धराली और सुक्खी गांव को अपनी चपेट में लिया।
खराब मौसम ने बढ़ाई बचाव कार्यों की मुश्किलें
खराब मौसम के कारण राहत और बचाव कार्यों में बाधाएं आ रही हैं। पूरे उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन की कई घटनाएं सामने आई हैं। एसडीआरएफ ने मृतकों की खोज के लिए शव खोजी कुत्तों की पहली टीम तैनात करने का निर्णय लिया है। दिल्ली से कुत्तों की एक जोड़ी हवाई मार्ग से लाई जाएगी, जबकि तीन अन्य टीमें, प्रत्येक में 35 बचावकर्मी, घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं।
हर्षिल आर्मी कैंप में भी नुकसान
हर्षिल के आर्मी कैंप में भी भारी तबाही हुई है, जहां हैलीपैड पानी में डूब गया। हरिद्वार में भीमगौड़ा टनल के पास रेलवे ट्रैक पर मलबा गिरने से हरिद्वार-देहरादून रेल मार्ग बाधित हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस त्रासदी पर दुख जताते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि राहत और बचाव कार्यों में कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से स्थिति की जानकारी ली और प्रभावितों के प्रति संवेदना व्यक्त की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
मौसम विभाग का रेड अलर्ट
मौसम विभाग ने बुधवार के लिए उत्तराखंड में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। हरिद्वार, नैनीताल और ऊधम सिंह नगर में भारी बारिश की चेतावनी है, जबकि चंपावत, बागेश्वर, उत्तरकाशी, पौड़ी, टिहरी और देहरादून में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
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