PM Modi News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि, इलेक्टोरल बांड पर जिस भी विपक्षी पार्टी ने आरोप लगाया है, क्या वह सही है। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कि देश में हो रहे काले धन को रोकने का विचार भाजपा कई सालों से कर रहा था। लेकिन कोई भी उसका समाधान नहीं निकल पा रहा था बहुत सोच विचार करने के बाद एक तरीका निकाला। जिससे काले धन को रोका जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, हमने हमारे शासनकाल में नोटबंदी की, जिससे 500 और 1000 के नोट को बंद करके, हमने 2000 के नोट जारी किए। ऐसा करने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि भारत देश में ऐसी कोई पार्टी नहीं है। जो कि पैसे का लेनदेन नहीं करती है हमारी खुद की पार्टी करती है। ऐसा करने का मकसद सिर्फ काले धन को रोकना था।
ये इलेक्टोरल बॉन्ड की सफलता है कि इससे लेनदेन में पारदर्शिता आई। pic.twitter.com/Di1jFju6LK
— Narendra Modi (@narendramodi) April 16, 2024
अब पैसों की जरूरत हर पार्टी को पड़ता है। क्योंकि इलेक्शन के समय हर एक पार्टी को पैसे की जरूरत पड़ती है। ऐसे में पार्टी को पैसा लोगो से मांगती है। आगे नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोर्ट ने तय किया था। कि ₹20000 तक कोई भी आदमी पार्टी को पैसा दे सकता है। जिस पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने कानून लाकर इस 20000 को ढाई हजार कर दिया जिससे कि काला धन का लें दें रोका जा सके।
इसके साथ ही आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि इलेक्टोरल बॉन्ड द्वारा दी गई राशि में कुल 3000 कंपनियां थी। जिसमें में से 26 कंपनियों पर ईडी द्वारा रेड डाली गई थी। उन 26 कंपनियों में से 16 ऐसी कंपनियां थी। जिन्होंने इलेक्टोरल बांड को तब खरीद जब उन पर छापे पड़े। आगे कहते हुए नरेंद्र मोदी कहते हैं, कि आंकड़ों के मुताबिक रेड में फांसी 16 कंपनियां ने 37% का डोनेशन भाजपा को दिया था और जबकि 67% विपक्षी पार्टी को।
इस पर चर्चा करते हुए नरेंद्र मोदी कहते हैं कि अगर हमें रेड डलवाना ही होता, तो हम ऐसा क्यों चाहते कि 63% विपक्षी पार्टी को जाए। इसके साथ ही मोदी ने कहा “कि बाकियों को बस कहना है वह कह कर चले जाते हैं। उनको मुद्दा चाहिए इलेक्टरल भवन का मुद्दा मिल गया” इलेक्टोरल बांड आने के बाद पारदर्शिता आई है जिससे हमें यह पता चला कि कब, कितना और कैसे किसी कंपनी ने किसी पार्टी को पैसे दिए हैं। तो यह एक तरीके से अच्छी चीज है, इलेक्टोरल बांड के आने के बाद जो कि पहले यह संभव नहीं था।
वार्ता के दौरान नरेंद्र मोदी ने कहा कि 90 के दशक में हमारी पार्टी को काफी कुछ सहना पड़ गया था, पैसे की कमी को लेकर। 90 के दशक में हमारी सरकार ने एक नियम बनाया था। कि जो भी पैसा डोनेट होगा, वह चेक के माध्यम से होगा। लेकिन जो उद्योगपति और जो लोग हैं वह चेक के माध्यम से पैसा देना नहीं चाहते क्योंकि उनका कहना है। कि अगर हम चेक के माध्यम से किसी पार्टी को पैसा देते हैं। तो वह हमें अपने हिसाब में दिखाना पड़ेगा। और अगर ऐसा होता है, तो जिस भी पार्टी को हम पैसा देते हैं, तो उसके अलावा जो विपक्षी पार्टी होगी वह हमारे पीछे पड़ जाएगी। जिस वजह से 90 के दशक में इलेक्शन के दौरान हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।