Jaunpur Election 2024 : पूर्व सांसद धनंजय सिंह के चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ ही, जौनपुर लोकसभा का चुनाव रोमांचक हो गया है। अब यहां का चुनाव का भविष्य मौर्य कुशवाहा मतों पर निर्भर रहेगा । ज्ञात हो, कि भाजपा ने महाराष्ट्र की पूर्व गृह राज्य मंत्री कृपा शंकर सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। कृपा शंकर सिंह वैसे तो जौनपुर के मूल निवासी हैं। लेकिन इनका राजनीतिक सफर महाराष्ट्र भी रहा है, कृपा शंकर का जौनपुर में आना-जाना लगा रहता है। लेकिन वहां की जनता में कुछ खास असर दिखाई नहीं दे रहा है।
वहीं दूसरी तरफ, धनंजय सिंह जो की जौनपुर के पूर्व सांसद की जनता में काफी पकड़ है | धनंजय सिंह का इस बार चुनाव लड़ना तय माना जा रहा था। लेकिन कृपा शंकर सिंह के आ जाने से उनके चुनाव लड़ने पर ग्रहण लग गया है। यही नहीं उनके विरोधियो ने साजिश करके उन्हें जेल भी भेजवा दिया, अब उनका चुनाव लड़ना संभव नहीं है| पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने पहले ही चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी। लेकिन उनके विरोधियों ने उनके ख़िलाफ़ शाजिस कर उन्हे जेल भेज दिया। जिस आरोप में वो जेल भेजे गये, उसी आरोप में उन्हे 7 साल की सजा सुना दी। जिसके कारण उनके चुनाव लड़ने में संकट आ गया है।
हालांकि न्यायालय के इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया है। उच्च न्यायालय से राहत न मिलने पर धनंजय सिंह, अपने पिता पूर्व विधायक राजदेव सिंह को चुनाव मैदान में उतार सकते हैं। धनंजय सिंह के परिवार का चुनाव में उतरना कृपा शंकर सिंह के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है। वैसे भी जौनपुर हमेशा से सरकार विरोधी रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव में भी सपा प्रत्याशी ने भाजपा को हराया था, इसलिए इस बार भी गठबंधन के लिए यह सीट काफी महत्वपूर्ण है। सपा का मुस्लिम और यादव पारंपरिक वोट बैंक है, और इन दो पारंपरिक वोट बैंक में यदि मौर्य और कुशवाहा, जो की पर्याप्त संख्या में मिल जाएंगे तो गठबंधन की जीत निश्चित है।
इसलिए अगर गठबंधन किसी प्रभावशाली मौर्य या कुशवाहा समाज को, इस सीट से प्रत्याशी बनाएगी तो उसकी जीत सुनिश्चित है। क्योंकि कृपा शंकर सिंह और धनंजय सिंह के बीच श्रवण मतों के बंटवारे से गठबंधन की स्थिति काफी मजबूत हो जाएगी। मौर्य और कुशवाहा मतों के साथ आने से गठबंधन के लिए यह सोने में सुहागा साबित होगा।