भारत में 1 जुलाई से तीन नए कानून नियम लागू किया जा रहे हैं जिनमें से ‘भारतीय न्याय संघ संहिता, ‘भारत सुरक्षा संहिता’ और ‘भारतीय स्वच्छ अधिनियम’ लागू होने जा रहे हैं। इसे लेकर विपक्ष में कानूनी मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘यह कानून सामूहिक ज्ञान को प्रदर्शित नहीं करता है।’ दरअसल कांग्रेस नेता मनीष तिवारी का कहना है कि इन कानून से सांसद पूर्ण रूप से सहमत नहीं थी और रिकॉर्ड 186 सांसदों को संसद से निलंबित करने के बाद इसे पारित किया गया।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय मंत्री सच को छुपाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस नेता ने इस बात कहा पर कि तीनों कानून का भारत की कानूनी प्रणाली को चोट पहुंचाने के समान होगा। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर जिसे कहते थे) उस पर लिखा कि ‘कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल सच्चाई को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्ष के 146 सांसदों को निलंबित करने के बाद संसद में तीन नए आपराधिक कानून मनमाने ढंग से पारित किए गए। ये तीन कानून संसद के सिर्फ एक वर्ग की इच्छा को दर्शाते हैं। ये कानून संसद के सामूहिक ज्ञान को प्रतिबिंबित नहीं करते।’
The Law Minister @arjunrammeghwal is being economical with the truth .
The three new Criminal Laws were arbitrarily passed in Parliament after suspending a record 146 MP’s belonging to the opposition.
These three Laws therefore reflect the will of only a section of Parliament…
— Manish Tewari (@ManishTewari) June 17, 2024
मनीष तिवारी ने कहा कि गृह मामलों की स्थाई संसदीय समिति के सदस्यों द्वारा इन कानून पर असहमति दी गई थी। इसके बाद भी उनके विचारों पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि इन कानून का भारत की कानूनी व्यवस्था में बाधा डालने के समान होगा। कांग्रेस नेता ने तीनों कानून के कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग की उन्होंने यह भी कहा कि इन कानूनों में शामिल कुछ प्रावधान नागरिक स्वतंत्रता पर हमले की तरह है। बता दे केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने रविवार को कहा कि 1 जुलाई 2024 से भारत में नए अपराधी कानून लागू होंगे।