मॉनसून सत्र की रूपरेखा
- समयावधि: 21 जुलाई से लगभग 12–21 अगस्त (लगभग 21 बैठकें, संभवत: 12–18 अगस्त अवकाश)
प्रमुख एजेंडा: सरकार 8 नए विधेयक पेश करेगी, साथ ही पूर्व में लंबित कई विधेयकों पर भी चर्चा होगी।
8 प्रमुख प्रस्तावित विधेयक
मानिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025राष्ट्रपति शासन को निरंतर बनाए रखने हेतु पेशजन‑विश्वास (संशोधन) विधेयक, 2025छोटी गैर-आपराधिक गलतियों को जुर्म से हटाकर जुर्माने में बदलने का लक्ष्य भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयकIIM संरचना में बदलाव; अहम है उच्च शिक्षा सुधार के लिए कराधान विधि (संशोधन) विधेयक / नया आयकर विधेयक1961 का अधिनियम बदलकर “टैक्स ईयर” की अवधारणा लाने हेतुभू‑वैश्विक स्थल और अवशेष संरक्षण विधेयकभू‑वैज्ञानिक विरासत की सुरक्षा हेतु खन एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयकगहरे खनिजों के दोहन और नीति के क्रियान्वयन हेतु राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयकखेल संघों में पारदर्शिता, जवाबदेही और बेहतर प्रबंधन हेतु राष्ट्रीय एंटी‑डोपिंग (संशोधन) विधेयकWADA कोड से मेल खाते मजबूत नियमों हेतु
इसके अलावा, पुराने विधेयकों में आयरलाइंस, पोर्ट्स, मर्चेंट शिपिंग, इंडियन पोर्ट बिल, और अध्यादेशित विधेयकों सहित कुल 12–13 विधेयक शामिल बताए जा रहे हैं।
मुख्य बहस और संभावित राजनीति
- मनिपुर पर राष्ट्रपति शासन: विपक्ष इसका कड़ा विरोध कर सकता है
- संशोधित आयकर विधेयक: वित्तीय वर्षों का “टैक्स ईयर” में रूपांतरण विवादों का विषय होगा
- स्पोर्ट्स, एंटी‑डोपिंग, मिनरल्स: प्रशासनिक सुधारों की बहस होगी
- राष्ट्रीय सुरक्षा: ‘Operation Sindoor’ व पुलगाम हमले पर विपक्ष तर्क मांगेगा
- न्यायपालिका विवाद: Justice Yashwant Varma के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव संभावित
तकनीकी सुधार और डिजिटलीकरण
- सांसदों के भाषणों का रीयल‑टाइम AI ट्रांसक्रिप्शन और विभिन्न भाषाओं में ऑडियो सुविधा
- डिजिटल हाजिरी प्रणाली: सांसद अपनी सीट से ही हाजिरी दर्ज करेंगे
- विधायी दस्तावेजों का 12 भाषा में AI आधारित प्रकाशन
क्या हों گے हंगामे के आसार?
- पिछली सत्रों की तरह इस बार भी सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहसें और गतिरोध की संभावना है
- विपक्षी दल Pahalgam हमले, चुनाव संशोधन-rolls, न्यायपालिका में भ्रष्टाचार जैसे संवेदनशील मुद्दों को उठा सकते हैं
21 जुलाई से संसद का मॉनसून सत्र आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा से जुड़े बहुपक्षीय एजेंडे के साथ शुरू होगा। सरकार 8 नए विधेयकों का जोरदार प्रस्ताव लेकर आयेगी, जबकि विपक्ष मत-भेद और संदिग्ध कार्रवाई को सिरे से उठाने के लिए तैयार दिखता है। तकनीकी सुधारों जैसे AI ट्रांसक्रिप्शन और डिजिटल हाजिरी से लोकतंत्र में पारदर्शिता बढ़ना निश्चित है। लेकिन यही सत्र, इस बार भी गरमागरम बहसों और निगाहों की टकराहट का मंज़र पेश करेगा।