10 सालों में बेरोज़गारी कितनी बदली? डेटा, ग्राफ़ और सच्चाई के साथ पढ़ें ये रिपोर्ट।
परिचय: 2014 का वादा – ‘हर साल 2 करोड़ नौकरियां’
2014 में सत्ता में आई मोदी सरकार का एक बड़ा वादा था – हर साल 2 करोड़ नौकरियां देना। आज, 2025 में खड़े होकर हम देखना चाहते हैं कि वो वादा कितना पूरा हुआ?
इस ब्लॉग में हम सरकारी आंकड़ों, स्वतंत्र रिपोर्ट्स और ग्राउंड रियलिटी से आपको एक क्लियर तस्वीर देंगे।
साल | बेरोज़गारी दर (%) | स्रोत |
---|---|---|
2014 | 5.6% | NSSO (2013–14) |
2016 | 4.9% | Labour Bureau |
2018 | 6.1% | NSSO (2017–18) |
2019 | 6.0% | CMIE |
2020 | 23.5% (COVID पीक) | CMIE |
2021 | 7.9% | CMIE |
2022 | 7.6% | CMIE |
2023 | 7.1% | CMIE |
2024 | 7.4% | CMIE |
अप्रैल 2025 | 8.1% | CMIE (Monthly Data) |
नोट: CMIE (Centre for Monitoring Indian Economy) और NSSO दोनों सरकारी/स्वतंत्र संस्थाएं हैं जो बेरोज़गारी का सर्वे करती हैं।
ग्राफिकल ट्रेंड
luaCopyEditबेरोज़गारी दर (%)
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वर्ष (2014–2025)
विश्लेषण: 10 साल में बेरोज़गारी के 5 बड़े पड़ाव
1. 2014–2016: स्थिरता का दौर
- शुरुआती 2 सालों में बेरोज़गारी नियंत्रित रही।
- Skill India, Make in India जैसे मिशन लॉन्च किए गए।
2. 2016–2018: नोटबंदी और जीएसटी का झटका
- नोटबंदी (2016) के बाद अनौपचारिक सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ।
- GST से छोटे व्यापारों पर असर पड़ा, लाखों अस्थायी नौकरियाँ गईं।
3. 2020: कोविड ने खोली सिस्टम की पोल
- अप्रैल 2020 में बेरोज़गारी दर 23.5% पहुंच गई – अब तक की सबसे ऊँची।
- करोड़ों प्रवासी मज़दूरों को नौकरी और घर दोनों छोड़ने पड़े।
4. 2021–2023: धीमी रिकवरी
- E-Shram Portal, PLI स्कीम, स्टार्टअप इंडिया जैसे कार्यक्रमों के बावजूद शहरों की बेरोज़गारी दर ऊँची बनी रही।
- युवा बेरोज़गारी (15–29 वर्ष): लगभग 16% के आसपास बनी रही।
5. 2024–2025: फिर से बढ़ता संकट
- अप्रैल 2025 में CMIE के अनुसार बेरोज़गारी दर फिर से बढ़कर 8.1% हो गई।
- टेक सेक्टर में छंटनी, MSMEs की संघर्षशील स्थिति इस वृद्धि का कारण।
योजना का नाम | लॉन्च वर्ष | असर |
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Skill India | 2015 | 1.4 करोड़ लोगों को ट्रेनिंग, पर प्लेसमेंट कम |
Mudra Yojana | 2015 | 42 करोड़ लोन बांटे, लेकिन रोज़गार डेटा अस्पष्ट |
Startup India | 2016 | 1 लाख+ स्टार्टअप्स, पर बहुत से self-employed |
PLI Scheme | 2020 | निर्माण क्षेत्र में प्रभावी, पर समय लगेगा |
E-Shram Portal | 2021 | रजिस्टर्ड वर्कर्स 28 करोड़+, मगर जॉब सुरक्षा नहीं |
युवा बेरोज़गारी सबसे गंभीर संकट
- 15–29 साल के युवाओं में बेरोज़गारी दर 13–17% के बीच है।
- नौकरी न मिलने से पढ़ाई अधूरी, मानसिक तनाव और विदेश पलायन जैसे मुद्दे बढ़े।
सोशल मीडिया पर चर्चा में ट्रेंडिंग सवाल
- क्या बेरोज़गारी का आंकड़ा छुपाया जा रहा है?
- Skill India से कितने को सही नौकरी मिली?
- क्या “Digital India” रोज़गार लाने में सफल हुआ?
निष्कर्ष (Conclusion)
10 साल में भारत ने बेरोज़गारी के मोर्चे पर बड़ा संघर्ष किया है।
कुछ योजनाएं सफल रहीं, कुछ केवल नाम की रहीं। COVID ने तस्वीर बदली, और 2025 में भी चुनौती जस की तस है।
क्या 2029 तक भारत हर साल 2 करोड़ नौकरी दे पाएगा? या यह वादा सिर्फ एक नारा बनकर रह जाएगा?
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