कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसे से सबक लेते हुए मध्य पूर्व रेलवे ने अपने क्षेत्र के स्टेशन मास्टरों के निर्देश दिया है कि वह स्वचालित सिग्नल सिस्टम में खराबी की स्थिति में ट्रेन ड्राइवर को सिग्नल पर करने का अधिकार देने वाले फार्म टी/ए 91 जारी न करें। कंचनजंगा एक्सप्रेस मालगाड़ी की टक्कर में 10 लोगों की मौत के कुछ दिनों बाद यह निर्देश जारी किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार मध्य पूर्व रेलवे द्वारा 21 जून को जारी आदेश के अनुसार फॉर्म टी/ए 91 पत्र जारी करने पर रोक लगाने का फैसला मध्य पूर्व रेलवे की सुरक्षा बैठक में लिया गया था। ईसीआर ने कहा ‘मध्य पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक द्वारा प्रधान विभागाध्यक्ष और डीआरएम (मंडल रेल प्रबंधक) के साथ की गई सुरक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया है कि स्वचालित सिग्नल की खराबी के दौरान टी/ए 912 को अगली सलाह तक जारी नहीं किया जाएगा।’
17 जून को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में मालगाड़ी ने यात्री ट्रेन कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी। जहां हादसा हुआ वह पूर्वोत्तम सीमांत रेलवे जोन के अंतर्गत आता है। जांच में पता चला कि अधिकारियों ने मालगाड़ी और यात्री गाड़ी दोनों ट्रेनों के ड्राइवर को टी/ए 912 जारी किया था। क्योंकि रानीपात्रा स्टेशन-चत्तर हाट जंक्शन पर स्वचालित सिग्नल प्रणाली खराब थी। रेलवे बोर्ड ने अपनी प्रारंभिक जांच के आधार पर कहा कि जिस मालगाड़ी से टक्कर मारी है उसकी गति बहुत अधिक थी। जबकि चालक यूनियनों ने दावा किया की नोट पर गति प्रतिबंध का उल्लेख नहीं है और उसके सदस्य की कोई गलती नहीं थी।